MP Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश में बीते दिनों जय-वीरू और श्याम छैनू की एंट्री से सियासत फिल्मी हुई। फिर शंकर जी के जिक्र से रिवर्स गियर लगा और अब सियासत द्वापर युग में पहुंच गई है। नेताओं के संवाद में पांडव और कौरव आ चुके हैं। क्या मुद्दे से इतर अब एमपी की सियासत सिर्फ जुमलों के इर्द-गिर्द घूम रही है।
सियासत में ओझल हुए मुद्दे
2023 चुनाव की सियासत अब 80 के दशक से भी पीछे जाते हुए द्वापर युग में पहुंच चुकी है और एमपी के चुनावी रण में पांडव और कौरव फिर जी उठे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनावी सभा में केंद्रीय एजेंसियों का मुद्दा उठाते हुए कहा, कि अपने कांग्रेस के एक प्रत्याशी के खिलाफ बीजेपी के पांच पांडव हैं।
चुनाव में उतरे पांडव-कौरव
खड़गे का इतना कहने की देर थी कि बीजेपी से भी बयानों के बाण छोड़े गए। पहला वार सीएम शिवराज ने किया और कांग्रेस को कौरव बता दिया। सियासी रण में इसके बाद एंट्री हुई। पूर्व सीएम कमलनाथ की। उन्होंने कहा कि मैं कभी भी बदले की राजनीति नहीं करता। ना बदले के इरादे से कार्रवाई की।
वोटर्स पर क्या होगा असर ?
इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में उतरे और पथरिया की सभा में इसे नया मोड़ दे दिया। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम पांच पांडव की राह पर चल रहे हैं। एमपी की महाभारत का ये सियासी एपिसोड चुनाव तक जारी रहेगा। जिसका अंत श्रीकृष्ण रुपी जनता 23 की महाभारत में विजय दिलाकर पूरा करेगी।
बंसल न्यूज के सवाल
सवाल 1 – चुनावी महाभारत में पांडव-कौरव को लाकर क्या हासिल करना चाहते हैं नेता ?
सवाल 2 – माइथोलॉजिकल कैरेक्टर्स के सहारे क्या नैरेटिव सेट करना चाहती हैं पार्टियां ?
सवाल 3 – क्या मतदाताओं पर इस तरह के बयानों का कोई असर होता है?
यहां देखें पूरा वीडियों:
ये भी पढ़ें:
CG Flight News: दिल्ली की डायरेक्ट हवाई सेवा बंद, फ्लाइट बंद करने का विरोध शुरू
Beauty Tips: घर पर ही कर रहीं हैं अपना ब्राइडल मेकअप, तो ये टिप्स आएंगी काम
Dhanteras 2023 Jhadoo Vastu Tips: धनतेरस पर खरीदी नई झाड़ू का क्या करना चाहिए, क्या कहता है ज्योतिष