Tenzing Norgay Award: पर्वतारोही नरेंद्र यादव का एवरेस्ट पर चढ़ने का दावा फर्जी, नहीं मिलेगा तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार

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नई दिल्ली। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का दावा करने के बाद पिछले साल तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार (Tenzing Norgay Award) के लिए सिफारिश पाने वाले पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव (narendra yadav) ने फर्जी दस्तावेज सौंपे थे और उन्हें यह सम्मान नहीं मिलेगा। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। यादव और उनकी साथी पर्वतारोही सीमा रानी को बुधवार को नेपाल सरकार ने अपने देश में पर्वतारोहण करने से छह साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया और 2016 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने के फर्जी दस्तावेज सौंपने के कारण उन्हें दिए एवरेस्ट फतह करने के प्रमाण पत्र को भी रद्द कर दिया गया।
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया
‘‘हमारी तरफ से नरेंद्र सिंह यादव (narendra yadav)का मुद्दा खत्म हो गया है। मंत्रालय की ओर से शुरू की गई जांच में पता चला है कि उसने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का फर्जी दावा किया था। उसने फर्जी तस्वीरें सौंपी।’’उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए 2020 तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार (Tenzing Norgay Award) की सूची से उसका नाम हटा दिया गया है। उसे यह नहीं मिलेगा।’’यादव के नाम की सिफारिश शुरुआत में देश के शीर्ष साहसिक खेल पुरस्कार के लिए की गई थी लेकिन बाद में उनके फर्जी दस्तावेज सौंपने की आशंका से जुड़ी खबरें मीडिया में आने के बाद उनके नाम को रोक दिया गया था।
इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के प्रतिनिधि थे
इस मामले की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने पाया कि यादव ने जो दस्तावेज सौंपे थे वे फर्जी थे। अधिकारी ने बताया कि जांच समिति में खेल मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा दिल्ली के इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन के प्रतिनिधि भी थे जो देश में इस खेल की सर्वोच्च संस्था है। इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन को केंद्र सरकार और अंतराष्ट्रीय फेडरेशन आफ स्पोर्ट क्लाइबिंग दोनों से मान्यता मिली है। नेपाल के संस्कृति, पयर्टन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को यादव (narendra yadav)और रानी के अलावा टीम नेतृत्वकर्ता नाबा कुमार फुकोन को देश में पर्वतारोहण से जुड़ी गतिविधियों से छह साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए इनको जारी किए गए प्रमाण पत्र भी रद्द कर दिए गए।