नई दिल्ली: मणिपुर के हालात पर आक्रोश के बीच संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। विपक्ष ने मणिपुर पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग की है और ऐसा न होने पर हंगामे की चेतावनी दी है। केंद्र मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए राजी है, हालांकि पीएम बयान देंगे या नहीं इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
संसद का मानसून सत्र आज यानी 20 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें होंगी। सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा, लेकिन बाद में नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा।
नई संसद का उद्घाटन इस साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।यह वर्तमान इमारत की तुलना में अधिक जगह प्रदान करता है, जिसे 1927 में बनाया गया था।
आज से संसद का मानसून सत्र
इस बीच सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संसद से 31 विधेयक पेश कराने की योजना बनाई है।इनमें से एक विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेने के लिए है, जो केंद्र को दिल्ली में तैनात नौकरशाहों को नियंत्रित करने की शक्ति देता है।
#मानसून सत्र में विपक्ष कर सकता है हंगामा
#सदन में मणिपुर हिंसा पर हंगामे के आसार
#महंगाई पर भी सदन में हो सकता है हंगामा
#विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति
दिल्ली अध्यादेश सहित 31 बिल पेश करेगी सरकार
दिल्ली अध्यादेश पर विधेयक को लेकर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर टकराव की उम्मीद है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के समर्थन का दावा कर रहे हैं।विपक्ष में 105 सदस्य बिल के विरोध में हैं। राज्यसभा में बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 105 सदस्य होने से मामला सरकार के पक्ष में जा सकता है।
भाजपा को 5 नामांकित और 2 निर्दलीय सांसदों के समर्थन का भरोसा है। बीजेपी को मायावती की बहुजन समाज पार्टी, जनता दल सेक्युलर और तेलुगु देशम पार्टी से भी समर्थन की उम्मीद है, जिनके राज्ससभा में एक-एक सांसद हैं।
केंद्र सरकार को नवीन पटनायक की बीजेडी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस से मदद की जरूरत होगी, जिनके 9-9 सदस्य हैं। बीजद ने कहा है कि जब विधेयक चर्चा और मतदान के लिए आएगा तब वह फैसला करेगी। जगन रेड्डी ने भी अभी तक अपना फैसला नहीं बताया है।
सदन में मणिपुर हिंसा पर हंगामे के आसार
इस बीच, विपक्ष ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर संसद में एक बयान दें, जो 3 मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है।कुछ दलों ने पहले दिन मणिपुर पर स्थगन प्रस्ताव लाने की भी योजना बनाई है।
केंद्र सरकार सदन में देगी विपक्ष के सवालों के जवाब
यह मांग करते हुए कि पीएम मोदी संसद के दोनों सदनों में बयान दें, तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अगर प्रधानमंत्री नहीं बोलते हैं, तो वह इसके बाद होने वाले व्यवधान के लिए जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा, ‘मन की बात बहुत हो गई, मणिपुर की बात का समय आ गया है.’ केंद्र ने कहा है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है।संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, जिसमें मणिपुर में 2 महीने तक चली हिंसा भी शामिल है, जिसमें 80 से अधिक लोग मारे गए हैं।
Monsoon session of Parliament | Congress Lok Sabha MP Manish Tewari gives adjournment motion notice to discuss the "ongoing ethnic clashes taking place in Manipur." pic.twitter.com/2NcT2GzWcd
— ANI (@ANI) July 20, 2023
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