Monsoon 2024 Astrology Prediction: इस बार नौपता खूब जमकर तप रहे हैं। इस भीषण गर्मी से चारों ओर हलाकान मचा हुआ है। ऐसे में अब लोगों को इंतजार है बारिश का।
सभी की नजरें प्रि मानसून पर टिकी हुई हैं। ऐसे में एक तरफ मौसम विज्ञान ने बारिश को लेकर पूर्वानुमान तो जता दिया है। आज केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है।
ऐसे में अब हम जानते हैं कि ज्योतिष के अनुसार कब से प्रि मानसून एक्टिविटी शुरू हो जाएगी। सूर्य का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश से इसका क्या संबंध है। किस दिन से झमाझम बारिश का दौर शुरू होगा।
बीते साल कैसी थी बारिश
ज्योतिषीय गणनाओं की बात करें तो बीते साल आद्रा नक्षत्र में स्त्री—स्त्री योग बना था। ज्योतिष में जब स्त्री—स्त्री योग बनता है तो कम बारिश के संकेत होते हैं। जबकि स्त्री—पुरुष योग होने पर बारिश अच्छी होती है। इस बार आद्रा नक्षत्र में स्त्री—पुरुष बन रहा है जिससे बारिश तो अच्छी होगी। लेकिन इस बार राजा मंगल हैं जो उपद्रव के साथ आंधी तूफान वाली बारिश कराएंगे। जिसका उदाहरण हम अभी भी देख सकते हैं।
कब शुरू होगा झमाझम बारिश का दौर
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान बारिश सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसी कहा जाता है कि अगर आद्रा नक्षत्र के 15 दिन अच्छी बारिश हो जाए तो अच्छी बारिश मानी जाती है।
राजा मंगल मचाएंगे उत्पाद
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार के ग्रहों के राजा मंगल हैं। जो उत्पादी प्रवृत्ति के माने जाते हैं इसलिए इस बार आंधी तूफान के योग ज्यादा रहेंगे। तो वहीं मंत्री भी इस बार के शनि हैं। जो इस बार उत्पादी बारिश के योग बनाएंगे। आंधी तूफान वाली बारिश लोगों के साथ प्राकृतिक उत्पाद देखने को मिलेगा।
आद्रा नक्षत्र में इस दिन करेंगे सूर्य प्रवेश
सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश (Adhdra Nakshra me Surya) करेंगे। आद्रा नक्षत्र पहला बारिश का नक्षत्र है। इस दौरान अच्छी बारिश होने लगती है। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार आद्रा नक्षत्र में स्त्री-पुरुष बनेगा। जो अच्छी बारिश कराएगा।
ये होते हैं बारिश के नक्षत्र
आद्रा नक्षत्र
22 जून से 6 जुलाई तक – स्त्री-पुरुष योग
पुनर्वसु नक्षत्र
6 जुलाई से 20 जुलाई तक — स्त्री-स्त्री योग
पुष्य नक्षत्र
20 जुलाई से 5 अगस्त — स्त्री-पुरुष योग
अश्लेषा नक्षत्र
5 अगस्त से 20 अगस्त
मघा नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
उत्तरा नक्षत्र
5 सितंबर से 20 सितंबर
हस्त नक्षत्र
इस नक्षत्र में सूर्य के आने पर बारिश की विदाई हो जाती है।
जल चर नक्षत्र कौन से हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshtra) जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग बनता है तो खंड बारिश होती है।
नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।