हाइलाइट्स
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नर्मदा में मिलने वाले सीवेज को लेकर विधानसभा में हुआ हंगामा
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16 शहरों से हर रोज नर्मदा में मिल रहा 200 MLD सीवेज
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वर्तमान में सिर्फ 87 MLD सीवेज को ट्रीट करने की है व्यवस्था
MP Narmada River Issue: एमपी बजट सत्र के छठे दिन सदन में नर्मदा में मिलने वाले सीवेज को लेकर हंगामा हुआ। इस बीच सरकार की ओर से जवाब आया कि दो साल के अंदर नर्मदा में मिलने वाले सीवेज को रोका जाएगा।
दो दिन बाद यानी 16 फरवरी, शुक्रवार को नर्मदा जयंती भी है। आइये आपको बताते हैं कि मध्य प्रदेश में नर्मदा (MP Narmada River Issue) में गंदगी फैलाने वालों में कौन से शहर अव्वल हैं।
16 शहरों से हर रोज नर्मदा में मिल रहा 200 MLD सीवेज
नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंट से लेकर धार तक 16 शहर हर रोज नर्मदा में 200 MLD सीवेज मिला रहे हैं। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से 87 MLD सीवेज को ही ट्रीट किया जा रहा है।
यानी हर रोज 113 MLD अनट्रीटेड सीवेज सीधे नर्मदा नदी (MP Narmada River Issue) में मिल रहा है।
नर्मदा पर 57 अतिक्रमण, सबसे ज्यादा ओमकारेश्वर में
नर्मदा नदी और उसके बैंक (MP Narmada River Issue) में 57 अतिक्रमण मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा अतिक्रमण ओमकारेश्वर में है।
ओमकारेश्वर में 38, डिंडौरी में 15, अमरकंटक में तीन और नर्मदापुरम में एक अतिक्रमण है।
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नर्मदा में प्रदूषण फैलाने पर 79.44 करोड़ की पेनाल्टी
नर्मदा नदी (MP Narmada River Issue) में सीधे सीवेज छोड़े जाने पर 16 शहर के स्थानीय निकायों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 79.44 करोड़ की पेनाल्टी लगाई है।
इनमें सबसे अधिक नगर निगम जबलपुर पर 11.20 करोड़ की पेनाल्टी लगी है। वहीं सबसे कम 66 लाख की पेनाल्टी बुधनी पर लगी है। बड़वानी, मंडलेश्वर और सनावद पर 3.36—3.36 करोड़ की पेनाल्टी लगी है।
MP Narmada River Issue: विपक्ष के हंगामे पर सरकार का जवाब- दो साल में रोकेंगे नर्मदा में जाने वाला सीवेज; गंदगी फैलाने में ये शहर अव्वल!#MPNews #NarmadaRiver #Narmadasewage @CMMadhyaPradesh @KailashOnline @medhanarmada @nvdamp https://t.co/AxQga8xDrb
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इसी तरह शाहगंज पर 1.08 करोड़, नेमावर पर 6.16 करोड़, ओमकारेश्वर पर 5.76 करोड़, बड़वाह पर 2.56 करोड़, महेश्वर पर 4.96 करोड़, मंडला पर 5.88 करोड़, भेड़ाघाट पर 2.80 करोड़, नर्मदापुरम पर 7.10 करोड़, अमरकंटक पर 7.60 करोड़, डिंडौरी पर 9.60 करोड़ और नगर पालिका धरमपुरी पर 4 करोड़ की पेनाल्टी लगी है।
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सदन में नर्मदा पर राजनीति
नर्मदा नदी में सीवेज मिलने को लेकर बुधवार 14 फरवरी को सदन में हंगामा हुआ। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक बीजेपी विधायक ने कहा कि नर्मदा के संरक्षण को लेकर भाजपा सरकार में ही काम हुआ है।
इस पर तंज कसते हुए विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि हां, नर्मदा (MP Narmada River Issue) बीजेपी की मानस बेटी है। इसके बाद सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायक भड़क गए और घनघोरिया से माफी मांगने पर अड़ गए।
मंत्री राकेश सिंह ने घनघोरिया की टिप्पणी विलोपित करने की मांग की। वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें सदन से माफी मांगना चाहिए।
नर्मदा नदी को लेकर मोहन सरकार का बड़ा फैसला, 2 साल में दूर होगी गंदगी? @KailashOnline
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नर्मदा में सीवेज का पानी मिलने से रोकना है: मंत्री
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री ने आज सुबह कहा है कि नर्मदा (MP Narmada River Issue) को सभी मां का दर्जा देते हैं।
वहां सीवेज का पानी मिलने से रोकना है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि 2 साल के अंदर ऐसे निकायों का गंदा पानी नगरीय क्षेत्र में मिलने से रोक दें।