One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने भारत में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने गुरूवार 12 दिसंबर को हुई बैठक में देश में एक बार में चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कोविंद समिति ने लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव दो चरणों में कराने का भी सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है, जबकि दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का प्रस्ताव है। समिति ने कहा है कि सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए।
Union Cabinet accepts recommendations of High-Level Committee on Simultaneous Elections
The Committee recommends that 'One Nation, One Election' be implemented in two phases. In the first phase: Lok Sabha and Assembly elections to be conducted simultaneously. In the second… pic.twitter.com/nRV2Q7u0dh
— ANI (@ANI) September 18, 2024
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए एक कार्यान्वयन समूह (Implementation Group) का गठन किया जाएगा। कार्यान्वयन समूह कैबिनेट द्वारा पारित सिफारिशों पर राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से भी प्रतिक्रिया मांगेगा। जिसके बाद इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन बिल संसद में पेश किया जाएगा।
Union Cabinet accepts Kovind panel report on 'one nation, one election': Union Minister Ashwini Vaishnaw
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2024
एक सवाल के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार विधेयक लाने से पहले आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ विस्तृत चर्चा करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ 2029 के लोकसभा चुनाव से लागू किया जाएगा, वैष्णव ने कहा कि यह कहना संभव नहीं है कि इसे किस चुनाव से लागू किया जाएगा।
पीएम मोदी ने कही ये बात
पीएम मोदी ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी की सराहना करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को अधिक गतिशील और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
The Cabinet has accepted the recommendations of the High-Level Committee on Simultaneous Elections. I compliment our former President, Shri Ram Nath Kovind Ji for spearheading this effort and consulting a wide range of stakeholders.
This is an important step towards making our…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2024
पीएम ने यह भी कहा, ‘हर किसी को गर्व होगा कि चंद्रयान-4 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है! इससे कई लाभ होंगे, जिनमें भारत को अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी में अधिक आत्मनिर्भर बनाना, इनोवेशऩ को बढ़ावा देना और शिक्षा का समर्थन करना शामिल है।
पीसी में बोले थे अमित शाह
इससे पहले मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि इस कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू किया जाएगा।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय पैनल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इसके लिए, पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों का भी सुझाव दिया, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन संवैधानिक संशोधन विधेयकों के रूप में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
32 राजनीतिक दलों का समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली एक समिति ने इस मुद्दे पर 62 दलों से संपर्क किया। जिसमें से 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी, जबकि 15 दलों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जवाब देने वाली 47 पार्टियों में से 32 पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया।
क्या हैं ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ फायदे
अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव हों तो करोड़ों रुपये बचेंगे। साथ ही चुनाव आयोग को बार-बार चुनाव कराने से भी राहत मिलेगी। एक साथ चुनाव कराने से विकास पर ध्यान केंद्रित होगा न कि चुनाव पर। साथ ही बार-बार आचार संहिता लागू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे कालेधन पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।
राज्य चुनाव अधिकारियों के साथ परामर्श
पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा एक सामान्य मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की। वर्तमान में, ECI लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के स्थानीय निकायों के चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
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