Mock Drill In India: दिल्ली में गृह मंत्रालय के तत्वावधान में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की तैयारियों पर चर्चा हुई। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिव, सिविल डिफेंस प्रमुखों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह मॉक ड्रिल 7 मई से शुरू होने वाली है, हालांकि लखनऊ, श्रीनगर और मुंबई जैसे शहरों में नागरिकों को युद्धकालीन सुरक्षा प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग (Mock Drill In India) पहले ही शुरू कर दी गई है।
#WATCH | Srinagar, J&K | SDRF personnel hold exercise to prepare for tomorrow's mock drill at Dal lake
MHA has asked several states and UTs to conduct mock drills for effective civil defence, tomorrow, May 7. pic.twitter.com/FEUQYw8huG
— ANI (@ANI) May 6, 2025
मॉक ड्रिल का उद्देश्य और प्रक्रिया
#WATCH | Students in a Jammu school being trained to respond to any eventuality during a mock drill exercise
MHA has directed countrywide mock drills on May 7 pic.twitter.com/NxxxmOGetn
— ANI (@ANI) May 6, 2025
इस अभ्यास के दौरान, हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे (Mock Drill In India) और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ड्रिल देश में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार आयोजित की जा रही है, जिससे स्पष्ट है कि सरकार वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को गंभीरता से ले रही है। इसके अलावा, पंजाब के फिरोजपुर छावनी में रविवार-सोमवार की रात को ब्लैकआउट प्रैक्टिस भी की गई, जिसमें गांवों और मोहल्लों में 9:00 बजे से 9:30 बजे तक बिजली काट दी गई।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
इसके पीछे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव (Mock Drill In India) को एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक खराब हो गए हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया है कि भारत नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी समय सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक लाभ के लिए क्षेत्र को परमाणु युद्ध के कगार पर धकेल रहे हैं।
रूस से भारत को मिलेगा नया जंगी जहाज
इस बीच, भारत को रूस से एक नया युद्धपोत प्राप्त होने वाला है, जिससे नौसेना की सामरिक क्षमता और मजबूत होगी। 28 मई को रूस भारतीय नौसेना को ‘तमल’ नामक यह जंगी जहाज सौंपेगा, जो ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा। इस जहाज की खासियत यह है कि यह दुश्मन के रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा, जिससे भारत की सुरक्षा प्रणाली को और अधिक बल मिलेगा। बता दें कि देश में आखिरी बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी।
मॉक ड्रिल क्या है?
मॉक ड्रिल (Mock Drill) एक प्रशिक्षण अभ्यास होता है, जिसमें किसी आपातकालीन स्थिति या संकट का अनुकरण (सिमुलेशन) किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को वास्तविक खतरे की स्थिति में सही तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना होता है।
मॉक ड्रिल के प्रमुख उद्देश्य:
आपातकालीन प्रतिक्रिया का अभ्यास: इसमें लोगों को सिखाया जाता है कि युद्ध, प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला या अन्य संकटकालीन स्थितियों में कैसे सुरक्षित रहा जाए।
सिस्टम की जाँच: सरकारी एजेंसियां और सुरक्षा बल इस ड्रिल के माध्यम से यह परखते हैं कि उनकी आपातकालीन योजनाएँ कितनी प्रभावी हैं।
जनता में जागरूकता बढ़ाना: आम नागरिकों को यह समझाना कि खतरे के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल में क्या होता है?
सायरन बजाना: हवाई हमले या अन्य खतरों की चेतावनी देने के लिए सायरन बजाए जाते हैं।
सुरक्षित स्थानों पर पहुँचना: लोगों को बंकर, बेसमेंट या अन्य सुरक्षित जगहों पर जाने का निर्देश दिया जाता है।
ब्लैकआउट प्रैक्टिस: कुछ क्षेत्रों में लाइटें बंद करके यह देखा जाता है कि दुश्मन के हवाई हमले में कितनी सावधानी बरती जा सकती है।
फर्स्ट एड और रेस्क्यू ट्रेनिंग: लोगों को बचाव कार्य और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाता है।