मोबाइल नंबर केवल 10 अंकों का ही क्यों होता है? आख़िर इसके पीछे क्या कारण है? लोगों के मन में अक्सर सवाल रहते हैं. तो इस आर्टिकल को पढ़ें और जानें इन सवालों के जवाब।
मोबाइल नंबर 10 अंको का होने का मुख्य कारण
मोबाइल नंबरों के केवल 10 अंक होने के पीछे का कारण सरकार का नेशनल नंबरिंग प्लान यानी एनएनपी है। मोबाइल नंबर 10 अंको का होने का दूसरा कारण जनसंख्या भी है।
मान लीजिए कि यदि मोबाइल नंबर में केवल एक अंक होता तो शून्य से नौ तक केवल 10 अलग-अलग नंबर बनाए जा सकते थे।
साथ ही उन 10 नंबरों का इस्तेमाल 10 लोग कर सकेंगे. जबकि यदि केवल दो अंक वाला मोबाइल नंबर है तो शून्य से 99 तक केवल 100 नंबर बनाए जा सकते हैं। जिनका उपयोग केवल 100 लोग ही कर सकते हैं।
जनसंख्या भी है प्रमुख कारण
इस वक्त देश में 130 करोड़ लोगों की आबादी है. इसके मुताबिक अगर एक मोबाइल नंबर नौ नंबर का है तो भविष्य में सभी लोगों को मोबाइल नंबर नहीं दिया जा सकता.
वहीं अगर एक मोबाइल नंबर को 10 अंकों का बनाया जाए तो गणना के मुताबिक एक हजार करोड़ अलग-अलग नंबर बनाए जा सकते हैं.
साथ ही एक हजार करोड़ लोगों को आसानी से मोबाइल नंबर दिए जा सकेंगे. इसलिए 10 अंकों के मोबाइल नंबर बनाए गए।
TRAI ने कहा- 11 अंकों का कोई प्लान नहीं
वहीं, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा है कि उसने 11 अंकों के मोबाइल नंबर के लिए कोई सुझाव नहीं दिया है।
ट्राई ने स्पष्ट किया कि उसने केवल यह सिफारिश की है कि लैंडलाइन से कॉल करते समय मोबाइल नंबर से पहले शून्य लगाया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि साल 2003 तक नौ मोबाइल नंबर थे लेकिन जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती गई, संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई।
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