भोपाल। विधायक आरिफ मसूद MLA ARIF MASOOD कांग्रेस कार्यालय पहुंच चुके है। विधायक आरिफ मसूद के भोपाल के पीसीसी में पहुंचे ही सैकड़ों की संख्या समर्थक इकट्ठे हुए गए और पीसीसी के गेट पर ही नारे लगाने लगे। इतना ही इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। समर्थकों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी उड़ाई। धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरिफ मसूद कुछ ही देर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे। विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि पुलिस ने मुझ पर झूठा केस दर्ज किया है। मैंने कोई गलत काम नहीं किया यदि कुछ गलत किया है ताे मैं सजा के लिए तैयार हूं। आरिफ मसूद ने जबलपुर हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। शुक्रवार सुबह उन्हें जमानत मिलने के ऑर्डर जारी हो गए थे। उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा व अजय गुप्ता ने पैरवी की थी।
मुझ पर ये केस गलत लगाया गया था
पीसीसी में मीडिया से बात करते हुए आरिफ मसूद का ने मुझ पर ये केस गलत लगाया गया था। मैंने खुद अपने आप गिरफ्तारी दी थी तलैया थाने में। न्यायालय के फैसले पर मुझे भरोसा है। भारतीय जनता पार्टी को ये मानना चाहिए की कांग्रेस वो पार्टी है जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी। किसी को मजहब के बारे में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं। मैंने उसका विरोध करना शुरू किया था अगर बाद में मजमा आ जाता है तो उसमे मैं कुछ नहीं कर सकता। हम अभी भी कह रहे हैं कि कोरोना काल में जितने सावधानी की जरूरत है वो सावधानी करनी चाहिए। ये लोग फरार बताते रहे मगर मैंने कहा था कि मैं न्यायालय में आऊंगा। मैंने कहा था कि अगर जमानत नहीं मिलेगी तो मैं सरेंडर कर दूंगा। ये लोग चाहते थे ऐसा माहौल पैदा हो जिसमें लोगो के अंदर नफरत बढ़े। 15 साल पहले भी बीजेपी सरकार थी तब इनको क्यों मेरा आतिक्रमण नहीं दिखा। बीजेपी को लोकतंत्र से मतलब नहीं है।
ये है मामला
विधायक आरिफ मसूद ने 9 अक्टूबर को इकबाल मैदान में फ्रांस की घटना के विरोध में करीब दो हजार लोग इकट्ठे हुए थे। इस दौरान अधिकांश लोग मास्क नहीं लगाए थे और कई तरह के नियमों का पालन नहीं किया गया था जिसके बाद तलैया थाना पुलिस ने आरिफ मसूद और अन्य के खिलाफ धारा-188 के तहत केस दर्ज कर लिया था। बाद में फिर 4 नवंबर को आरिफ मसूद सहित सात लोगों के खिलाफ पुलिस ने धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में धारा-153-ए के तहत केस दर्ज किया है। इसके बाद 17 नवंबर को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में आरोपित मसूद का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। इसके पूर्व इसी अदालत ने 7 नवंबर को मसूद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।