Luna-25: रूस ने 50 सालों के बाद दूसरी बार मून मिशन लॉन्च किया था, जिसे 21 अगस्त को चांद की सतह पर उतरना था। हालांकि, रोस्कोस्मोस के अनुसार लूना-25 स्टेशन चंद्रमा से टकरा गया, जिसकी वजह से मिशन फेल हो गया।
आपको बता दें कि रूस ने 11 अगस्त को लूना-25 को लॉन्च किया था। भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) से पहले चांद पर यान की सफल लैंडिंग की कोशिश में जुटे रूस को तगड़ा झटका लगा है।
कल लूना-25 में टेक्निकल खराबी
रूस ने शनिवार को अपने चंद्रमा पर जाने वाले लूना-25 अंतरिक्ष यान में टेक्निकल खराबी की सूचना दी। लूना-25 जब अपना आर्बिट बदल रहा था तब उसमें टेक्निकल खराबी आ गई।
अगर यह ठीक नहीं हो पाया तो रूस लूना-25 के लैंडिंग को टाल भी सकता है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने कहा कि इसे ठीक करने की कोशिशें चल रही हैं।
चंद्रयान से काफी हल्का है लूना-25
लूना-25 का भार केवल 1,750 किलोग्राम है, जो चंद्रयान-3 के 3,800 किलोग्राम से काफी हल्का है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार यह कम द्रव्यमान लूना-25 को अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है।
चंद्रयान-3 चांद के करीब पहुंचा
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि उसने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को कक्षा में थोड़ा और नीचे सफलतापूर्वक पहुंचा दिया, जिससे यह चंद्रमा के और करीब आ गया है।
इसरो ने कहा कि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है। इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,‘‘ दूसरे और अंतिम डीबूस्टिंग (धीमा करने की प्रक्रिया) अभियान में लैंडर मॉड्यूल सफलतापूर्वक कक्षा में और नीचे आ गया है।
ये भी पढ़ें:
Google Photos: यूजर्स को यादगार लम्हों को जीने का मिलेगा दुबारा मौका, जानें भारत में कब आएगा यह फीचर
Viral Video: दिल्ली मेट्रो में फिर हुआ डांस, लोगों ने कहा, “प्लीज बंद करो”