Millets Cafe in Chhattisgarh: कोरिया जिले में लोगों को मिलेट्स फूड काफी पसंद आ रहा है. मिलेट्स से बने व्यंजन और पौष्टिक आहार लोगों की थाली तक पहुंचने लगा है. जिला प्रशासन ने जिले में मिलेट्स कैफे की शुरूआत की थी. जो अब लाखपति बन गया है.
मिलेट्स कैफे ने 22 लाख 64 हजार रुपए की आय और 76 लाख 24 हजार रुपए के खाद्य सामग्री की बिक्री के साथ ही सफलता का नया कीर्तिमान रचा है. जिला मुख्यालय में बने इस मिलेट्स कैफे में ग्राहकों के लिए खास व्यवस्था है. महिला समूह के माध्यम से यहां 31 स्टाफ काम करते हैं.
मिलेट्स से बना व्यंजन लोगों को आ रहा पसंद
इस कैफे में बाजरा, ज्वार, रागी, कुटकी, कोदो और जौ आदि मिलेट्स से बने व्यंजन लोगों को भा रहे हैं. इनसे डोसा, इडली, गुलाब जामुन, चीला, खीर आदि कई व्यंजन बनाए जा रहे हैं. इसर कैफे में टेस्ट के साथ-साथ एम्बिएंस भी काफी आकर्षक है. यह कैफे शुरू होने के पहले दिन से ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनकर उभरा है.
यहां लोगों के बैठने की अच्छी व्यवस्था भी की गई है. मिलेट्स कैफे से महिलाएं लाखों रुपए की आय कर रही हैं. साथ ही लोगों को पौष्टिक आहार भी मिल रहा है. पिछले साल शुरू हुए इस कैफे में हर दिन लोगों की भीड़ रहती है.
महिला स्व- सहायता समूह कर रहा कैफे का संचालन
इस मिलेट्स कैफे का संचालन रोशनी महिला स्व- सहायता समूह की ओर से किया जा रहा है. समूह ने कैफे के जरिए एक माह में 2 लाख रुपए, सालभर में 22 लाख रुपए की कमाई की है. मिलेट्स का खाना और नाश्ता सेहत के लिए लाभकारी है.
मिलेट्स कैफे योजना से मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को भी अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलता है और इससे उन्हें बहुत फायदा भी होता है. तो वहीं कैफे में काम करने वाले कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का नया रास्ता भी मिला है.
जल्द बढ़ाई जाएगी स्टाफ की संख्या
कोरिया के कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने मीडिया से कहा कि मिलेट्स फूड के कई फायदे होते हैं. प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री खाने में मिलेट्स को शामिल करने की बात कहते हैं.
कोरिया में मिलेट्स कैफे की शुरूआत इसी उद्देश्य के साथ की गई थी. सालभर में समूह ने 22 लाख रुपए कमाए हैं. साथ ही 31 स्टाफ को रोजगार मिला. अब आगे कैफे का स्वरूप और बढ़ाया जाएगा. यहां स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
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