Migrant Workers Train: रेलवे देश भर में माइग्रेंट वर्कर्स और लेबर क्लास वाले ग्रुप्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन-एसी, जनरल कैटेगिरी की ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है.
यह फैसला उस स्टडी के बाद लिया गया है, जिसमें उन राज्यों की पहचान की गई है, जहां बड़ी संख्या में लो इनकम ग्रुप वाले पैसेंजर्स को लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ता है. पहले, ऐसी स्पेशल ट्रेनें ट्रेनें केवल त्योहारों या पीक सीजन के दौरान ही शुरू की जाती थीं.
पैसेंजर यात्री ट्रेनों में भीड़भाड़ चिंता का विषय बनने के साथ, ऐसी व्यवस्था को स्थायी बनाने का प्रस्ताव किया गया है.
कौन-कौन राज्यों से चलेंगी ट्रेनें
रेलवे बोर्ड के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश राज्यों के लिए नई स्पेशल ट्रेनों की योजना बनाई जा रही है. अधिकारियों के अनुसार इन राज्यों से अधिकांश कुशल-अकुशल कामगार, कारीगर, मजदूर और अन्य लोग काम के लिए महानगरों और बड़े शहरों में जाते हैं.
इन लोगों के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी जिनमें सिर्फ स्लीपर-जनरल क्लास के कोच लगेंगे. एक अधिकारी ने कहा कि माइग्रेंट स्पेशल ट्रेनों में न्यूनतम 22 से अधिकतम 26 कोच होंगे. इन्हें सीजनल के बजाय पूरे साल परमानेंटली चलाया जाएगा.
और भी है प्लानिंग
इन्हें रेगूलर टाइम टेबल में भी शामिल किया जाएगा, जिससे पैसेंजर्स पहले से रिजर्वेशन करा सकेंगे. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय रेलवे को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए, केवल दो प्रकार के कोच एलएचबी कोच और वंदे भारत कोच सर्विस में रहेंगे. मौजूदा समय में 28 प्रकार के कोच सर्विस में हैं. एक अधिकारी ने कहा कि इससे मरम्मत की लागत कम होगी और ट्रैवल भी सस्ता होगा.
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