MCU Lecture Kapil Tiwari: “शिक्षा संस्थानों में यह प्रश्न ही नहीं पूछा जाता कि तुम कौन हो और क्या करने के लिए इस धरती पर आए हो।” माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) में शुक्रवार को पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी ने छात्रों को झकझोरने वाला यह प्रश्न पूछा। अवसर था महाकवि पं. माखनलाल चतुर्वेदी की 136वीं जयंती और वार्षिक सांस्कृतिक आयोजन ‘प्रतिभा 2025’ का भव्य शुभारंभ।
डॉ. तिवारी ने अपने व्यख्यान में कहा कि आज की शिक्षा प्रणाली में छात्र सिर्फ जानकारी जुटा रहे हैं, लेकिन जीवन का बोध नहीं कर पा रहे। उन्होंने शिक्षाविदों और छात्रों से कहा, “शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए कि हम छात्रों को उनकी प्राकृतिक प्रतिभा के अनुसार दिशा दें।” उन्होंने शिक्षण व्यवस्था पर चिंता भी व्यक्त किया और कहा कि हमारे देश में 90 प्रतिशत लोग अपनी संभावनाओं को पहचान ही नहीं पाते।
‘जानकारी नहीं, आत्मबोध है असली ज्ञान’

डॉ. कपिल तिवारी ने आगे कहा, “भारत की ज्ञान परंपरा सदियों की तपस्या से जन्मी है। यहाँ ज्ञान का मतलब केवल सूचना नहीं, बल्कि आत्मबोध है।” महात्मा बुद्ध के अंतिम वाक्य ‘अप्प दीपो भव’ का उल्लेख करते हुए लाेक कला विशेषज्ञ ने कहा, “एक जागा हुआ व्यक्ति जानता है कि उसे क्या करना है, और वही समाज को दिशा देता है।”
भारत की वैचारिक परंपराओं (अद्वैत, बौद्ध, लोक दर्शन) को भी रेखांकित किया और छात्रों को बताया कि ये सभी हमें अपने भीतर झाँकने की प्रेरणा देते हैं। जब तक शिक्षा ज्ञान में नहीं बदलेगी, तब तक शिक्षक सिर्फ जानकारी बाँटते रहेंगे और यही भारत की ज्ञान परंपरा का अवमूल्यन है।


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कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी का बोधपूर्ण वक्तव्य
MCU के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा, “यह विश्वविद्यालय केवल डिग्रियाँ देने का केंद्र नहीं, बल्कि आत्मबोध और सामाजिक चेतना की प्रयोगशाला है।”
उन्होंने कपिल तिवारी की बातों का समर्थन करते हुए छात्रों से पूछा कि वे खुद से पूछें, “मैं यहाँ क्यों आया हूँ? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है?” इस दौरान वार्षिक सांस्कृतिक आयोजन प्रतिभा 2025 का शुभारंभ क्रिकेट प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसमें कई तरह के खेलों का आयोजन 4 अप्रैल से 9 अप्रैल तक होगा।
