Mayor and councilors salary increase : मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। मध्यप्रदेश सरकार दिवाली से पहले प्रदेश में नवनिर्वाचीत मेयर और पार्षदों को तोहफा देने पर विचार कर रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 12 साल बाद मेयर और पार्षदों के वेतन में बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि वेतन वृद्धि आबादी के हिसाब से की जाएगी। बताया जा रहा है कि 10 लाख से अधिक की आबादी पर मेयर का 25 हजार वेतन किया जा सकता है। हालंाकि प्रदेश सरकार मेयर ओर पार्षदों के वेतन वृद्धि पर विचार कर रही है, जल्द ही सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव ला सकती है।
पार्षद को मिलता है इतना वेतन?
आपको जानकर हैरानी होगी की एक वार्ड पार्षद जो चुनाव जीतने के लिए लाखों रूपये खर्च करता है, उसे सरकारी स्तर पर कुछ खास मानदेय और वेतन नहीं मिलता है। निगम पार्षदों को वेतन के तौर पर हर माह 6 हजार रूपये और एक मोबाइल सिम मिलती है। वही पार्षद को अपने वार्ड में विकास करने के लिए कोई विशेष तौर पर पार्षद निधि नहीं होती है। उन्हें उनके वार्ड से मिला संपत्तीकर, व अन्य कर जमा के हिसाब से उसका 50 फिसदी ही खर्च करने को मिलता है। इसके साथ ही वार्ड पार्षद को निगम की होने वाली प्रत्येक बैठक के हिसाब से 250 रूपये का भत्ता मिलता है। यानि कुल मिलाकर पूरे कार्यकाल में 15 से 20 बैठके होती है उसके हिसाब से उन्हें बैठक भत्ते के रूप में 5000 हजार रूपये का भत्ता मिल पाता है। वार्ड पार्षद के लिए पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है।
निगम अध्यक्ष और महापौर का वेतन?
वार्ड पार्षद के बाद निगम अध्यक्ष और महापौर के वेतन की बात करे तो एक निगम परिषद अध्यक्ष को वेतन के रूपम में 11 हजार रूपये और महापौर को 13 हजार रूपये का वेतन मिलता है। इसके साथ ही दोनों को वाहन, आवास, आवास कर्मचारी, दफ्तर कर्मचारी की सुविधा मिलती है। मानदेय की बात करें तो एक महापौर को पूरे साल में करीब 6.60 लाख रुपए का मानदेय मिलता है। महापौर को ढाई हजार रुपए का सत्कार भत्ता भी मिलता है। वही सभापति की बात करते तो सभापति को 09 हजार रुपए मानदेय जबकि सत्कार भत्ते के रूप में 1400 रुपए मिलते हैं। लेकिन सभापति को टेलीफोन भत्ता नहीं मिलता है।