Mars Megacity: मंगल ग्रह पर मेगासिटी बसाने की तैयारी, थिंक टैंक का दावा- 2054 तक पूरा हो जाएगा शहर का निर्माण कार्य

Mars Megacity: मंगल ग्रह पर मेगासिटी बसाने की तैयारी, थिंक टैंक का दावा- 2054 तक पूरा हो जाएगा शहर का निर्माण कार्य

Mars Megacity

नई दिल्ली। दुनिया के कई देश मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में हैं। इसी कड़ी में ABIBOO Studios और SONet नाम की साइंटिफिक थिंक टैंक संस्था के प्रमुख और एस्ट्रोफिजिसिस्ट गिलेम अंगलाडा ने कहा है कि मंगल ग्रह पर मेगासिटी NUWA बनाई जा सकती है। जहां करीब 2.50 लाख लोग रह पाएंगे।

इंसानों के लिए शहर बसाना आसान

गिलेम अंगलाडा ने आगे बताया कि मेगासिटी मंगल ग्रह के टेंपे मेंसा क्लिफ पर बनाई जाएगी। इस शहर का नाम नूवा होगा। क्लिफ 3 हजार फीट लंबी है। यानी करीब 1 किलोमीटर। इस क्लिफ का चयन अंतरराष्ट्रीय संस्थान द मार्स सोसाइटी ने साल 2020 में किया था। जानकारों की माने तो यहां पर इंसानों के लिए शहर बसाना आसान है। क्योंकि यहां रोशनी और अंधेरे की मात्रा इंसानी जीवन के अनुरूप है।

2054 तक हो जाएगा शहर का निर्माण

ABIBOO के संस्थापक और चीफ आर्किटेक्ट अल्फ्रेडो मुनोज (Alfredo Munoz) और उनकी टीम ने टेंपे मेंसा क्लिफ के आकार को लेकर उसके ऊपर शहर का डिजाइन तैयार किया है। NUWA शहर का डिजिटल नक्शा बेहद खूबसूरत और अत्याधुनिक है। जिसमें सारी आधुनिक सुख-सुविधाएं मौजूद हैं। ABIBOO की टीम का मानना है कि मंगल ग्रह पर शहर के निर्माण का कार्य साल 2054 में शुरू हो जाएगा और साल 2100 तक इंसान मंगल ग्रह पर जाकर बस सकेंगे। थिंक टैंक की स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक नूवा शहर के आसपास पांच और शहर बसाए जाएंगे। जिसमें से नूवा यहां की राजधानी होगी।

यहां 2-2.50 लाख लोग रह सकेंगे

मार्स के मेगासिटी नूवा में दो से ढाई लाख लोग रह सकेंगे। इसके अलावा यहां मंगल ग्रह के उत्तर में अबालोस शहर बसाई जाएगी। जो मंगल ग्रह के नॉर्थ पोल से बर्फ निकाल कर उसका उपयोग पानी जैसी अन्य जरूरी चीजों के निर्माण के लिए करेगी। वहीं मैरीनेरिस शहर मंगल ग्रह की सबसे बड़ी घाटी मैरिनेरिस में बनाया जाएगा। वहीं नूवा शहर मंगल ग्रह पर एक कल्पना को पूरा करने जैसा होगा। क्योंकि यहां पर साइंस और इंजीनियरिंग का अद्भूत मेल होगा।

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि अभी इसके बारे में कुछ कहना जल्दीबाजी है। क्योंकि यहां इंसानों के लिए रहने लायक घर बनाना जिसमें वो बिना ऑक्सीजन मास्क के रह सकें। ऐसे घरों को बनाने और ऑक्सीजन की सप्लाई पहुंचाने में काफी तकनीक और महेनत लगेगी। इसके अलावा मंगल ग्रह पर घरों के लिए ढ़ांचा तैयार करने के लिए भी जरूरी यंत्रों और उपकरणों की आवश्यकता पड़ेगी। जिसे वहां तक पहुंचाना इतना आसान नहीं है।

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