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MP News: रीवा के मनीष यादव को गंभीर बीमारी, SDM ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठा, सरकार से इलाज या इच्छा मृत्यु की मांग

MP News: रीवा के मनीष यादव को गंभीर बीमारी है। वो SDM ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठा है। सरकार से इलाज या इच्छा मृत्यु की मांग की है।

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Rahul Garhwal
Manish Yadav suffering from muscular dystrophy, sitting on strike outside SDM office in Rewa mp news

MP News: रीवा की त्योंथर तहसील के उसरगांव का मनीष यादव मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। मनीष पिछले 3 दिनों से खाट पर SDM ऑफिस के परिसर में अनशन पर बैठा है। गंभीर बीमारी की वजह से उसका शरीर बेहद कमजोर हो गया है। इस बीमारी का इलाज सिर्फ विदेश में ही हो सकता है। मनीष का कहना है कि जब तक उसे इलाज का भरोसा नहीं मिलता, तब तक वो अनशन जारी रखेगा।

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3 भाई, एक बहन और पिता भी बीमारी से पीड़ित

परिवार में मनीष को मिलाकर 9 सदस्य हैं, जिनमें से 5 लोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित हैं। इनमें तीन भाई, एक बहन और पिता शामिल हैं। इस बीमारी का इलाज स्टेम सेल थैरेपी से कुछ हद तक किया जा सकता है, लेकिन यह बहुत महंगा है। एक इंजेक्शन की कीमत एक लाख रुपए है और मरीज को 20 इंजेक्शन की जरूरत होती है। इसके अलावा जांच और अन्य खर्च भी होते हैं। एक मरीज के इलाज में लगभग 30 लाख रुपए का खर्च आता है।

क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी ?

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं और बाद में टूटने लगती हैं। यह एक आनुवंशिक रोग है। रोगी में लगातार कमजोरी महसूस होती है और मांसपेशियों का विकास रुक जाता है। यह बीमारी पहले कूल्हे और पैर की पिंडलियों की मांसपेशियों को प्रभावित करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह कमर और हाथों की मांसपेशियों को भी कमजोर करने लगती है।

8 से 10 साल की उम्र से सूखने लगा था शरीर

उसरगांव में रामनरेश यादव के पांच बेटे और दो बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी सुशीला यादव है और दूसरी बेटी रीतू यादव है। बेटों में सुरेश यादव सबसे बड़े हैं, इसके बाद महेश यादव, अनीश यादव, मनीष यादव और सबसे छोटे मनोज यादव हैं। रामनरेश और उनकी बेटी सुशीला को हल्के बीमारी के लक्षण थे। 1998 से 2003 के बीच अनीश, मनीष और मनोज का जन्म हुआ। जब ये बच्चे 8 से 10 साल के हुए, तब उनका शरीर कमजोर होने लगा। स्कूल जाना जारी रहा। बच्चों के नाना ने उनकी बीमारी पर ध्यान दिया।

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बीमारी के बारे में दिल्ली में पता चला

मनीष यादव के नाना 2006 में उन्हें दिल्ली लेकर गए। वहां मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी के बारे में पता चला। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वे घर लौट आए। बच्चों की उम्र बढ़ती गई और बीमारी भी बढ़ती गई। सोशल मीडिया का दौर आने पर वे समय-समय पर अपनी पीड़ा सुनाते रहे।

2022 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिया था आश्वासन

[caption id="attachment_670652" align="alignnone" width="519"]Manish Yadav suffering from muscular dystrophy, sitting on strike outside SDM office in Rewa तत्कालीन सीएम शिवराज ने 23 मार्च 2022 को मनीष से फोन पर बात की थी।[/caption]

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मनीष यादव ने क्या कहा ?

मनीष यादव का कहना है कि वो भी आम लोगों की तरह जीना चाहता है, लेकिन गंभीर बीमारी से परेशान है। पिछली सरकार ने आश्वासन दिया था कि इलाज देश के किसी भी कोने में कराना पड़े या विदेश भी भेजना पड़ जाए। उसकी जिम्मेदारी सरकार की है। दुख की बात है कि अभी भी मेरी वही हालत है। जब तक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक बात नहीं पहुंच जाती, तब तक अनशन जारी रहेगा। अगर सरकार इलाज नहीं दिलवा सकती, तो इच्छा मृत्यु दिलवा दे। हर व्यक्ति के जान-माल की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। अगर मांग नहीं मानी जाती, तो मैं मरना पसंद करूंगा। एसडीएम कार्यालय के सामने ही आखिरी सांस लूंगा।

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