Kondagaon। कोंडागाँव में ट्रक ख़राब होने पर इसे दूसरे ट्रक में शिफ्ट किया का रहा था प्रशासन की नज़र पड़ी और हुई कार्रवाई नेशनल हाईवे 30 पर फरसगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत सारबेड़ा के समीप मछली से भरा ट्रक खराब हो गया।
मत्स्य विभाग की कार्रवार्ई
जिसका सामान दूसरे वाहन में शिफ्ट करते वक्त मुखबिर ने पुलिस को सूचना दे दी। मत्स्य राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम की मौके पर पहुंची। टीम ने जांच में पाया गया की प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली का परिवहन किया जा रहा है।
आंधप्रेदेश से यूपी जा रही थीं बैन मछलियां
दरअसल, मत्स्य विभाग के द्वारा पूछताछ करने पर पता चला की प्रतिबंधित थाई मांगुर मछलिओं को आंध्रप्रदेश (काकीनाडा) से उत्तरप्रदेश जा रही थीं। मत्स्य राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवार्ई करते हुए ट्रक में रखी प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को जमीन दफनाया।
जब्त हुई मछलियों की कीमत करीब 5 लाख रुपए
मत्स्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 से इस प्रजाति की मछली का उत्पादन और परिवहन पर बैन है। जब्त की गई मछलिओं की मात्रा करीब 3 टन बताई जा रही हैं। साथ ही इसकी कीमत लगभग 5 लाख रूपये है ।
भारत में क्यों है बैन मागुंर मछलियां
मांगुर मछली भारत में बैन है। क्योंकि ये मछलियां पानी में रहने के दौरान मांस खाती है। तालाब में छोटी मछलियों को ये मांगुर मछलियां खा जाती है। साथ ही इन मछलियों के सेवन करन पर लोगों को डायबिटीज और कैंसर जैसी खरतनाक बीमारियों होने की संभावना रहती है।