नई दिल्ली। उत्पादी और लाल Mangal Vakri 2022 : तत्व प्रधान ग्रह मंगल mangal अगले महीने अपनी उल्टी चाल चलने astrology वाला है। mithun me mangal vakri मंगल को उग्र ग्रह माना जाता है। life style ये अगले महीने वक्री चाल चलने वाला है। पंडित रामगोविंद शास्त्री (9893159724)का कहना है कि मंगल 8 नवंबर को वक्री चाल चलेगा। जिसके बाद करीब दो महीने यानि 11 जनवरी तक इसी स्थिति में रहेगा। आपको बता दें कहीं पर मंगल की वक्री चाल 30 अक्टूबर बताई जा रही है। वो इसलिए क्योंकि जगह और स्थान के अनुसार ग्रहों की चाल में कुछ दिनों का अंतर आ जाता है।
रक्त तत्व प्रधान हैं मंगल — Mangal Vakri 2022 :
मंगल पुरुष ग्रह माना गया है। यह मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है। भ्रमण काल के दौरान जब मंगल मकर राशि में आता है। उच्च का कहा जाता है। जब कर्क राशि में आता है। तो नीच का कहा जाता है। मेष राशि 1 से 18 वर्ष तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है। मंगल को पापी ग्रह कहते हैं। साथ ही इसे पराक्रम का प्रतीक भी मानते हैं। इसे रक्तगौर रंग का माना जाता है। इसमें अग्नि तत्व की प्रधानता होती है।
पित्त और हड्डियों के लिए कारक — Mangal Vakri 2022 :
शरीर में पित्त और हड्डियों के मज्जा का विश्लेषण मंगल ग्रह से किया जाता है। मंगल तत्व प्रधान जातक अधिकतर नेता, प्रखर वार्ताकार, तर्क से सब को परास्त करने वाले और सेनापति होते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से लोगों को उच्च पद सेना या पुलिस में प्रवेश आदि व्यवसाय प्राप्त होते हैं।
ऐसे देखें कुंडली में मंगल का स्थान —
अगर आपकी कुंडली में मंगल 10 वें भाव यानि मकर राशि में हैं तो समझ लीजिए मंगल आपकी राशि में उच्च के हैं। तो वहीं यदि ये चौथे भाव यानि कर्क राशि में हैं तो समझ लीजिए ये आपकी राशि में नीच ग्रह में बैठे हैं। जब यह नीच भाव में बैठते हैं तो आपको विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है। इसके अलावा जब ये चौथे या आठवें भाव यानि मीन और वृश्चिक में हैं तो लाभाकारी माने जाते हैं। तो इस तरह आप भी अपनी कुंडली देख सकते हैं।
इन क्षेत्रों में मचेगी उथल—पुथल —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार चूंकि मंगल लाल तत्व प्रधान है इसलिए इसकी व्रकी स्थिति के दौरान लाल चीजों यानि तांबा, सोना, लाल दालों जैसा चना, मसूर आदि के दामों के दाम बढ़ सकते हैं। चूंकि मंगल भूमिपुत्र है इसलिए इस दौरान भूमि या जमीन जायजाद के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
मौसम में बदलवा आ सकता है —
मंगल जब भी राशि परिवर्तन करता है या वक्री या मार्गी होता है तो वह उत्पाद तो मचाता ही है साथ ही मौसम में भी परिवर्तन होने की संभावना होती है। हवा पानी, बारिश के योग बनते हैं।
मिथुन में होंगे वक्री —
ज्योतिषाचार्य के अनुसार मंगल मिथुन राशि में वक्री होंगे। इसलिए मिथुन राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान इन राशि के जातकों को वाहन आदि चलाने में सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही इनमें रोगों की वृद्धि हो सकती है।
मंगल के उपाय —
अगर आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति सही नहीं है या मंगल से पीड़ित हैं तो इस दौरान आपको हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए।
इतने दिन के लिए वक्री होते हैं मंगल
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार मंगल ग्रह की शांति के लिए जातक को रोज श्री हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए और प्रसाद के रूप में केले को भोग जरूर लगाना चाहिए। साथ ही गरीबों को दान भी देना चाहिए।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।