हाइलाइट्स
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ट्रेन का इंजन कुछ बोगियों को छोड़कर आगे निकला
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एक दिन में ही 2 बार टूटी मालवा एक्सप्रेस की कपलिंग
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2 घंटे यात्रियों को करना पड़ा इंतजार, टला बड़ा हादसा
Malwa Express: रेलवे क्या राम भरोसे चल रहा है? आपको इस घटना से इसका अंदाजा लग सकता है कि एक ट्रेन में एक बार कपलिंग टूटने के बाद फिर वही गड़बड़ी हो जाए।
जी हां, यह घटना मालवा एक्सप्रेस में शनिवार, 16 मार्च को हुई। इंदौर के महू (डॉ. अंबेडकर नगर) से कटरा (वैष्णो देवी) के लिए रवाना हुई मालवा एक्सप्रेस की कपलिंग टूट गई।
पहले शुजालपुर के पास बेरछा स्टेशन पर कपलिंग टूटने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। ठीक करने के बाद फिर 10 मिनट बाद यही घटना हो गई। जिससे ट्रेन करीब दो घंटे तक खड़ी रही।
दो बार टूटी मालवा एक्सप्रेस की कपलिंग
जानकारी के मुताबिक मालवा एक्सप्रेस (Malwa Express) में पहली बार कपलिंग टूटने की घटना शनिवार दोपहर 3.55 बजे शुजालपुर के पास बेरछा स्टेशन पर हुई। इसके बाद कपलिंग को ठीक कर ट्रेन को रवाना किया गया।
अभी ट्रेन ने रफ्तार भी नहीं पकड़ी थी कि 10 मिनट बाद फिर ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। इससे ट्रेन करीब दो घंटे तक बेरछा स्टेशन के पास खड़ी रही।
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यात्रियों ने क्या बताया?
ट्रेन में सवार एक यात्री ने बताया कि पीर उमरोद रेलवे स्टेशन के पास कपलिंग ( ट्रेन के दो डिब्बों को जोड़ने वाले जॉइंट ) खुलने से इंजन और उसके पीछे की दो बोगी अलग हो गईं थीं।
यहां कपलिंग को ठीक कर ट्रेन को रवाना किया गया। 10 मिनट बाद बेरछा रेलवे स्टेशन आने से पहले दोबारा यह कपलिंग खुल गया।
कपलिंग खुलने के बाद ट्रेन का एक हिस्सा इंजन के साथ आगे चला गया। दूसरा हिस्सा पटरी पर ही चलता रहा। डिब्बों में कई यात्री सवार थे। हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई।
ट्रेन में महू से सवार होकर दिल्ली जा रहे यात्री ने बताया कि वह बी-1 कोच में सफर कर रहे थे। ट्रेन चलते-चलते अचानक रुक गई। उस समय 3:45 बजे थे।
सभी यात्री कोच से बाहर निकले तो देखा इंजन कुछ डिब्बों के साथ रिवर्स आ रहा है। तब पता चला कि इंजन और कुछ डिब्बे ट्रेन से अलग हो गए हैं।
कपलिंग ठीक कर ट्रेन रवाना हुई। दस मिनट बाद फिर रुक गई, फिर हमने उतर कर देखा तो इंजन से डिब्बे अलग हो गए थे। फिर ट्रेन को बेरछा स्टेशन पर सही किया गया।
आधे घंटे में डिब्बों को जोड़ दिया- रेलवे प्रवक्ता
रतलाम रेल प्रवक्ता खेमराज मीणा ने बताया कि इंजन कुछ ही दूरी तक गया था, जिसके बाद डिब्बों से वापस जोड़ दिया गया, क्योंकि यह एलएचबी कोच हैं, इस तरह के मामले में इसमें ऑटो ब्रेक एक्टिव हो जाते हैं। जिससे की कोच रुक जाते हैं, करीब आधे घंटे में इस समस्या को दूर कर ट्रेन को रवाना कर दिया गया।