नई दिल्ली। Mallikarjun Khadge कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को पदभार संभालेंगे। हालांकि, यह जिम्मेदारी उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ लेकर आने वाली है। खड़गे बुधवार यानि आज सुबह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे।
सामने हैं चुनौतियां —
पदभार ग्रहण करने के बाद उनके सामने एक तरफ राजस्थान का सियासी संकट तत्काल चुनौती बनकर खड़ा है। तो अगले कुछ हफ्तों में होने जा रहे गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी बड़ी चुनौती हैं। वहीं, 2024 का लोकसभा चुनाव उनके लिए सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगा। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 वर्षीय खरगे ने 17 अक्टूबर को हुए ऐतिहासिक चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी 66 वर्षीय शशि थरूर को मात दी थी। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बना है। खड़गे के पदभार ग्रहण से जुड़े कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस मुख्यालय में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
दिल्ली: मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभालने से पहले AICC कार्यालय के बाहर उनकी तस्वीरें वाली होर्डिंग्स लगाई गई। मल्लिकार्जुन खड़गे आज अपना कार्यभार संभालेंगे। pic.twitter.com/ZGjUWqSGQM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2022
सुरक्षाकर्मियों और कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने आखिरी मिनट की तैयारियों का जायजा लिया। कार्यक्रम में कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी 24 वर्ष बाद गैर-गांधी खड़गे को पार्टी की बागडोर सौंपेंगी। गांधी परिवार के दौड़ से बाहर होने के बाद खड़गे ने पार्टी में शीर्ष पद के लिए हुए सीधे मुकाबले में तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को हराया था। खड़गे ने पदभार ग्रहण करने से पहले बुधवार सुबह राज घाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के स्मृति स्थलों पर भी जाएंगे। पदभार ग्रहण करने से पहले खरगे ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री बुधवार सुबह खड़गे को औपचारिक रूप से निर्वाचन प्रमाणपत्र सौंपेंगे।
खड़गे बुधवार सुबह सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष और पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। बीते सात सितंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने के बाद राहुल गांधी पहली बार दिल्ली में कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। वह 27 अक्टूबर से फिर से यात्रा में शामिल हो जाएंगे। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इन दिनों तेलंगाना में है। दिलचस्प बात है कि इस कार्यक्रम में गहलोत के साथ ही राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद होंगे। राजस्थान के सियासी संकट के बीच लंबे समय बाद दोनों नेता किसी कार्यक्रम में साथ दिखेंगे। खड़गे के पक्ष में भी कुछ चीजें नजर आ रही हैं।
उनकी छवि सबको साथ लेकर चलने वाले नेता की रही है और यही खूबी यहां से आगे का सफर तय करने में उनकी मदद कर सकती है। खड़गे के कार्यभार संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव उनके सामने पहली चुनौती होंगे, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत पकड़ है। इस समय केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार है। इस परीक्षा के बाद 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें खड़गे का गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल है। पार्टी में पीढ़ीगत आधार पर विभाजन भी एक चुनौती है और खड़गे को अनुभवी नेताओं व युवाओं के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। यही नहीं, उन्हें गांधी परिवार के ‘रिमोट कंट्रोल’ से चलने की धारणा को भी गलत साबित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। खड़गे के सामने एक चुनौती ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को लागू करने और अपनी नयी टीम में सभी समीकरणों को साधते हुए किसी को नाराज नहीं करने की भी होगी।