नई दिल्ली। Mala Rules: हमारे हिन्दू धर्म में माला को साधना का एक तरीका माना जाता है। पर यदि ये माला गलत तरीके से पहनी जाए या इसका जाप सही तरीके से न किया जाए तो ये आपको फायदा दिलाने की वजाए आपके जीवन में आने वाले कष्टों का कारण बन सकती है। तो यदि आप भी अलग-अलग तरह की मालाओं को धारण करते हैं या इनका जाप करते हैं तो शुभ फल पाने के लिए जान लें माला पहनने के धार्मिक और ज्योतिषीय नियम क्या हैं।
मां लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए कमलगट्टे की माला (Kamal Gatte ki Mala)
यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहे तो इसके लिए आपको कमलगट्टे की माला का प्रयोग करना चाहिए। हिंदू धर्म में कमलगट्टे की माला के जाप से धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। तो वहीं मां बगलामुखी और मां कालका की पूजा में भी कमलगट्टे की माला का उपयोग किया जाता है।
चंद्र की शुभता के लिए मोती की माला (Moti ki Mala)
यदि आपकी कुंडली में चंद्र कमजोर है तो इस स्थिति में आपको हिन्दू मान्यता अनुसार मोती की माला पहनना शुभ होता है। आपको बता दें मोती को चंद्रमा का रत्न माना जाता है। चंद्रमा मन का कारक होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रह की शुभता और सौभाग्य के साथ मन की शांति के लिए मोती की माला धारण करने से लाभ होता है।
तुलसी की माला के नियम (Tulse ki Mala)
यदि आप अपने गले या कलाई पर तुलसी की माला धारण करते हैं तो इस स्थिति में आपको बेहद सावधानी बरतनी की जरूरत है। क्योंकि तुलसी की माला धारण करने में व्यक्ति को तामसिक चीजों से दूर रहना होता है। तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। अगर आप इसके नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको पुण्य की बजाए पाप झेलना पड़ सकता है।
स्फटिक की माला के नियम (Sftik ki Mala)
हिंदू धर्म स्फटिक का बड़ा महत्व है। यदि कोई स्फटिक की माला पहननता है तो उस व्यक्ति पर शुक्र ग्रह की कृपा मिलती है। यानि अगर आप भी शुक्र ग्रह से प्रभावित हैं तो स्फटिक की माला से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
चंदन की माला के नियम (Chandan ki Mala)
अगर आप भगवान का जप करना चाहते हैं तो इसके लिए चंदन की माला का उपयोग होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार सफेद चंदन और पीले चंदन की माला भगवान विष्णु की पूजा के लिए और लाल चंदन की माला देवी पूजा के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
रुद्राक्ष की माला के नियम
रुद्राक्ष की माला का उपयोग बहुत संभलकर करना चाहिए। हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष भगवान के आंसू के रूप में माना जाता है। इसलिए जो शिव भक्त हैं वे इसे धारण करते हैं। इसे पहनने में पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके अनुसार शौच और स्त्री प्रसंग आदि के समय रुद्राक्ष की माला को उतार कर पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए।
वैजयंंती की माला के नियम (Rudraksha ki Mala)
यदि आप भगवान कृष्ण के साधक है तो आपको वैजयंंती की माला पहनना चाहिए। ऐसा करने से आप पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बरसेगी। ज्योतिष के अनुसार वैजयंती की माला को पहनने पर शनि दोष नहीं लगता है।
Mala Rules, mala Pahanne ke Niyam, Religious and astrological rules of wearing garlands, Shani Dosh