नई दिल्ली। Makar Sankranti 2023 इस साल मकर संक्रांति का त्योहार आज नहीं बल्कि कल यानि 1 जनवरी को मनाया जाएगा। आपको बता दें ऐसा सूर्योदय के समय के चलते हो रहा है। दरअसल मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के उत्तरदायण होने के साथ मनाया जाता है। जबकि सूर्य आज रात 3 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
क्या होती है उदया तिथि —
आपको बता दें कई त्योहार ऐसे होते हैं जो उदया तिथि में मनाए जाते हैं। मकर संक्रांति का त्योहार भी इन्हीं में से एक है। जब सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करके मकर राशि में प्रवेश करते है। तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। चूंकि मकर संक्रांति सूर्य की उपासना का पर्व है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य 14 जनवरी की रात में मकर में प्रवेश करेंगे इसलिए मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को उदया तिथि के साथ मनाया जाएगा।
इसलिए 15 जनवरी को मनेगी संक्रांति —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अभी सूर्य धनु राशि में चल रहे हैं। जो 14 जनवरी की रात 3:20 मिनट पर मकर में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। लेकिन मकर संक्रांति का त्योहार उदया तिथि में माना जाता है। चूंकि सूर्य का उदय 15 जनवरी को होगा। इसलिए ये त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर किसी चीज का है महत्व —
मकर संक्रांति पर तिल का विशेष महत्व होता है। तिल सीजन की पहली फसल होती है। इस दिन
मकर संक्रांति का महत्व —
मकर संक्रांति यानि सूर्य के मकर में प्रवेश करते ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। अभी तक रुके सभी शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।
पूरे दिन रहेगी संक्रांति —
चूंकि संक्रांति 14 जनवरी की रात से आएगी। इसलिए 15 जनवरी को ये त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से लेकर पूरे दिन मकर संक्रांति का पर्व मनेगा। पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य तर्पण का विशेष महत्व होता है।
इन चीजों का करें दान —
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार मकर संक्रांति पर सूर्य के तर्पण का तो विशेष है ही साथ ही साथ इस दिन तिल का लेप, तिल के पानी से भी स्नान करना चाहिए। दान की बात करें तो गरीबों और पंडितों को खिचड़ी दान करने का विशेष महत्व है। साथ किसी गरीब को कंबल दान करने से भी पुण्य मिलता है।