नई दिल्ली। Makar Sankranti 2023 साल 2022 समाप्त होने में महज दो दिन बचे हैं। इसके बाद शुरू हो जाएगा नया साल 2023। आपको बता दें ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बीते साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो हिन्दू पंचांग के अनुसार जो गणनाए बताई जा रही हैं उसके अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
इसलिए 15 जनवरी को मनेगी संक्रांति —
पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार अभी सूर्य धनु राशि में चल रहे हैं। जो 14 जनवरी की रात 3:20 मिनट पर मकर में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। लेकिन मकर संक्रांति का त्योहार उदया तिथि में माना जाता है। चूंकि सूर्य का उदय 15 जनवरी को होगा। इसलिए ये त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर किसी चीज का है महत्व —
मकर संक्रांति पर तिल का विशेष महत्व होता है। तिल सीजन की पहली फसल होती है। इस दिन
मकर संक्रांति का महत्व —
मकर संक्रांति यानि सूर्य के मकर में प्रवेश करते ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। अभी तक रुके सभी शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।
पूरे दिन रहेगी संक्रांति —
चूंकि संक्रांति 14 जनवरी की रात से आएगी। इसलिए 15 जनवरी को ये त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से लेकर पूरे दिन मकर संक्रांति का पर्व मनेगा। पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य तर्पण का विशेष महत्व होता है।
इन चीजों का करें दान —
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार मकर संक्रांति पर सूर्य के तर्पण का तो विशेष है ही साथ ही साथ इस दिन तिल का लेप, तिल के पानी से भी स्नान करना चाहिए। दान की बात करें तो गरीबों और पंडितों को खिचड़ी दान करने का विशेष महत्व है। साथ किसी गरीब को कंबल दान करने से भी पुण्य मिलता है।