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नई दिल्ली। भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को काफी धूम धाम से मनाया जाता है। अलग-अलग राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता है। खासकर गंगा किनारे इस दिन माघ मेला और गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है। ये मान्यता है कि पौष मास में जब सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, तभी इस पर्व को मनाया जाता है। भारत में कुंभ के पहले स्नान की शरूआत भी इसी दिन से होती है।
क्या है मकर संक्रांति?
जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे ही संक्रांति कहते हैं। इस हिसाब से सुर्य साल में कुल 12 बार एक राशि से दूसरी में प्रवेश करता है। लेकिन सनातन धर्म के अनुसार चार ही संक्रांति महत्वपूर्ण होते हैं जिनमें मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति शामिल है। मकर संक्राति के दिन गुड़ और तिल खाना काफी लाभदायक होता है। इस दिन नदी में स्नान करके दान करने से भी लाभ मिलता है। वहीं साइंस के अनुसार सुर्य 14 जनवरी से दक्षिण के बजाय उत्तर की ओर गमन करने लग जाता है। बतादें कि जब तक सुर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों के असर को खराब माना जाता है। लेकिन जैसे ही सुर्य पूर्व से उत्तर की ओर गमन करता है तो इसकी किसने सेहत के लिए लाभदायक होती हैं। यही कारण है कि लोग इस दिन से धरती पर अच्छे दिन की शुरूआत मानते हैं।
अलग-अलग प्रदेशों में ऐसे मनाया जाता है मकर संक्रांति
उत्तर प्रदेश- मकर संक्रांति को यहां खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है। इस दिन यहां सूर्य की पूजा की जाती है और चावल दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है।
बिहार- बिहार में मकर संक्रांति के दिन चुड़ा, मिट्ठा, तिलकुट और दही खाने का रिवाज है। साथ में लोग इसे दान भी करते हैं।
मध्य प्रदेश- यहां गुड और तील को शरीर में लगाकर नर्मदा स्थान करने का प्रचलन है। साथ ही लोग इस दिन गुड और तील का सेवन भी करते हैं।
गुजरात और राजस्थान- इन दोनों राज्यों में इसे उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। साथ ही पतंग उत्सव का आयोजन बड़े धूम धाम से किया जाता है।
महाराष्ट्र- यहां के लोग इस दिन गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे में बांटते भी हैं।
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना- इन दोनों राज्यों में मकर संक्रांति को तीन दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने-अपने घर को जाते हैं जहां फैमली के सारे मेंबर एक साथ इक्कठे होते हैं और अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं।
तमिलनाडु- यहां इस पर्व को किसानों के प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से जाना जाता है। इस दिन यहां घी में खिचड़ी पकाकर खाई जाती है
असम- यहां भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है।
पश्चिम बंगाल : बंगाल में मकर संक्रांति के दिन हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है।
पंजाब- पंजाब में इस पर्व के एक दिन इसे लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान शाम में आग जलाकर नाचते गाते हैं और उसी आग को फसल से निकल नए दानों को भेंट किया जाता है।
इस बार कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति
मकर संक्रांति 2021 को लेकर कई लोग कन्फ्यूजन में हैं। उन्हें लग रहा है कि इस बार मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी, 14 जनवरी को या 15 जनवरी को। इस सवाल का जवाब है 14 जनवरी । इस बार कोई कंफ्यूजन नहीं है। इसी दिन मकर संक्रांति के साथ पोंगल, बिहु और उत्तरायण पर्व भी मनाया जाएगा।