जुलूसों को रोकने के लिए सेना ने छोड़े आंसू गैस के गोले
इस बीच, बिष्णुपुर जिले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाकों में लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रस्तावित अंत्येष्टि स्थल की ओर जाने वाले जुलूसों को रोकने के लिए सेना और आरएएफ कर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसमें 21 लोग घायल हो गए।
लगाया गया दिन का कर्फयू
इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेटों ने पहले घोषित कर्फयू में ढील वापस ले ली और पूरे इंफाल घाटी में एहतियात के तौर पर दिन का कर्फयू लगा दिया। कुकी-जोमी समुदाय के संगठन आइटीएलएफ ने जातीय हिंसा में मारे गए 35 लोगों की अंत्येष्टि की योजना बनाई थी। चूड़चंदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में यह अंत्येष्टि होनी थी। इसके चलते मणिपुर के कई जिलों में तनाव था।
कोर्ट ने दिए निर्देश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधरन और जस्टिस ए गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने सुबह छह बजे मामले की सुनवाई शुरू की। पीठ ने इस बात पर गौर किया कि पहले से ही अस्थिर कानून-व्यवस्था की स्थिति और खराब हो सकती है। अंत्येष्टि स्थल पर बड़ी भीड़ इकट्ठा होने के कारण हिंसा और रक्तपात का नया दौर शुरू हो सकता है। पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार तथा पीड़ित पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया।
केंद्र ने की शांति की अपील
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दोनों संघर्षरत पक्षों-कुकी और मैतेयी समुदाय से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने एक पत्र में कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर केंद्र गंभीर है। नित्यानंद राय ने आइटीएलएफ को आश्वासन दिया कि अंत्येष्टि से जुड़े मुद्दों को केंद्र सरकार अगले सात दिनों में सुलझा लेगी।
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