लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी एवं इस सीट से पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव के साथ बृहस्पतिवार को सैफेई (इटावा) में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख एवं अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की। चाचा भतीजे की इस मुलाकात पर तंज करते हुए भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हार के डर से अखिलेश को चाचा की याद आ गयी ।
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है। पार्टी किसी भी कीमत पर इस सीट को जीतना चाहती है। इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘‘नेता जी और घर के बड़ों के अलावा मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है।’ यादव ने इसके साथ ही अपनी, डिंपल, शिवपाल यादव और उनके पुत्र आदित्य यादव की एक तस्वीर भी ट्वीट की। मैनपुरी से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव ने भी मुलाकात के फोटो के साथ टिवट किया,” ‘‘नेता जी और घर के बड़ों के अलावा मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है।”
अखिलेश और शिवपाल की इस मुलाकात पर तंज कसते हुए भाजपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ”चुनाव में आ ही गई चाचा की याद अखिलेश जी को – इसे कहते है हार का डर।” इससे पहले, मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (SP के स्टार प्रचारक बनने के अगले दिन शिवपाल यादव ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव को जीत दिलाने का आह्वान किया।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल की भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर भी मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है। शिवपाल का मैनपुरी के लोगों के साथ करीबी नाता है। मुलायम सिंह यादव की अनुपलब्धता की स्थिति में क्षेत्र में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में शिवपाल उनके प्रतिनिधि के रूप में जाया करते थे।
शिवपाल यादव का डिंपल के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए उतरना महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भाजपा ने इस सीट से रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है जो कभी शिवपाल यादव के करीबी सहयोगी थे। मैनपुरी लोकसभा सीट पर लंबे समय से सपा का ही कब्जा है। इस सीट पर उपचुनाव के तहत मतदान पांच दिसंबर को होगा और नतीजे की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी।