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RGPV घोटाला मामला: मुख्य आरोपी तत्कालीन VC सुनील गुप्ता रायपुर से गिरफ्तार, 30 हजार का इनाम था घोषित

RGPV Scam: RGPV घोटाला मामला: मुख्य आरोपी तत्कालीन VC सुनील गुप्ता रायपुर से गिरफ्तार, 30 हजार का इनाम था घोषित

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Preetam Manjhi
RGPV घोटाला मामला: मुख्य आरोपी तत्कालीन VC सुनील गुप्ता रायपुर से गिरफ्तार, 30 हजार का इनाम था घोषित

   हाइलाइट्स

  • RGPV घोटाला मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार
  • तत्कालीन VC सुनील गुप्ता रायपुर से गिरफ्तार
  • पुलिस ने किया था 30 हजार का इनाम घोषित
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RGPV Scam: भोपाल के RGPV घोटाले (RGPV Scam) मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, जहां भ्रष्टाचार के आरोप में फरार आरोपी तत्कालीन वाइस चांसलर सुनील गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि भोपाल पुलिस ने आरोपी को रायपुर से गिरफ्तार किया है। हालांकि मामले में अभी भी 2 आरोपी फरार हैं। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 30 हजार का इनाम घोषित किया था। आरोपियों पर 20 करोड़ के घोटाले का आरोप है।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1778299567412297876

30 हजार का इनाम किया था घोषित

प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव ने कार्यकर्ताओं से इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और आश्वासन देते हुए कहा था कि जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

सीएम के आश्वासन के बाद भोपाल पुलिस ने तीनों फरार आरोपियों पर 30 हजार का इनाम घोषित किया। इसके बाद आज RGPV के कुलपति सुनील कुमार गुप्ता को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है।

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https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1778297608500314392

फरवरी में दर्ज हुआ था मामला

आपको बता दें फरवरी महीने में एमपी के शिक्षा मंत्री के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी कि RGPV के तत्कालीन वाइस चांसलर और विवि (RGPV Scam) के वित्त विभाग के अधिकारियों ने मिलकर करीब 20 करोड़ रुपए अपने प्राइवेट खातों में ट्रांसफर किए हैं। जिसके बाद से ही छात्र संगठन वाइस चांसलर और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

छात्र संगठनों ने आंदोलन की दी थी चेतावनी

RGPV घोटाले मामले में 36 मार्च को वाइस चांसलर, रजिस्टार और वित्त नियंत्रक के खिलाफ FIR दर्ज की गई, लेकिन जब इस (RGPV Scam) मामले में किसी भी तरह की गिरफ्तारी सामने नहीं आई तो NSUI और ABVP ने आंदोलन की चेतावनी दी।

CM हाउस का किया था घेराव

ABVP ने पहले तो भोपाल पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दिया था, इसके बाद पुलिस के आश्वासन के बाद धरना बंद किया। लेकिन इसके बाद भी जब गिरफ्तारी नहीं हुई, तो मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया।

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