Mahakumbh 2025: 2025 के महा कुंभ के बाद प्रयागराज की सड़कों पर एक अजीब सा सन्नाटा छा गया है। कुंभ मेले के दौरान शहर जहां लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों से गुलजार रहता था, वहीं अब शहर की सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंभ के बाद शहर फिर से उसी सामान्य जीवन में लौट गया है, जहां संगम और उसकी महिमा को लेकर कोई खास चर्चा नहीं होती।
शहर की रौनक फीकी पड़ गई
महा कुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। लाखों लोगों ने संगम में डुबकी लगाकर पवित्र नदियों के संगम का पुण्य लाभ उठाया। हालांकि, कुंभ के समाप्त होते ही शहर की रौनक फीकी पड़ गई। स्थानीय दुकानदार और व्यवसायी अब इस सन्नाटे से चिंतित हैं।
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एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “कुंभ के दौरान हमारी दुकानों पर रोजाना हजारों ग्राहक आते थे। लेकिन अब स्थिति यह है कि दिन भर में मुश्किल से कुछ ही लोग आते हैं। लगता है कि अब कोई संगम और उसकी महिमा के बारे में नहीं पूछेगा।”
मेले के दौरान शहर में बनाए गए अस्थायी ढांचे और तंबू अब खाली पड़े हैं
कुंभ मेले के दौरान शहर में बनाए गए अस्थायी ढांचे और तंबू अब खाली पड़े हैं। वहीं, सड़कों पर चहल-पहल की जगह सन्नाटा छा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंभ के बाद शहर को विकास और सुविधाओं के मामले में फिर से उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
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शहर को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि कुंभ के बाद शहर को और बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया, “हम शहर की सुविधाओं को बनाए रखने और उन्हें और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। कुंभ के दौरान बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग भविष्य में भी किया जाएगा। इस बीच, स्थानीय लोगों की उम्मीद है कि प्रयागराज को कुंभ के बाद भी उसी तरह की चर्चा और महत्व मिलेगा, जैसा कुंभ के दौरान होता है। उनका कहना है कि संगम की महिमा और प्रयागराज की पहचान को बनाए रखने के लिए सरकार और प्रशासन को और प्रयास करने होंगे।