Mahashivratri Panchak 2025 Effect: फरवरी का महीना समाप्त होने वाला है। 26 फरवरी को शिवजी (Lord Shiv) का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि आ रहा है।
हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार 26 फरवरी बुधवार को ही फरवरी में पंचकों की फिरकी शुरू हो रही है। जी हां शुभ कार्यों के लिए खास माने जाने वाले पंचक इस बार प्रारंभ हो रहेे हैं।
चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद पांडे से कि फरवरी में पंचक कब से (Feb me Panchak kab se Hain) शुरू हो रहे हैं, फरवरी के पंचक कब से कब (Feb Panchank Start End Date) तक चलेंगे। फरवरी में कौन से पंचक आएंगे, महाशिवरात्रि (Mahashivratri Panchak 2025) पर पंचक शुरू होने से क्या होता है।
फरवरी में पंचक कब से हैं (Feb Raj Panchak Date)
हिन्दू पंचांग के अनुसार पंचक 26 फरवरी बुधवार की रात 2:22 से पंचकों की शुरुआत हो रही है। जो 3 मार्च की सुबह 10:27 मिनट पर समाप्त होंगे। आपको बता दें इस दिन महाशिवरात्रि 2025 भी है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो पंचकों में किसी शुभ काम का होना बेहद शुभ माना जाता हैं। वो इसलिए क्योंकि पंचक में जो काम होते हैं वे लगातार पांच बार होते जाते हैं।
फरवरी में कौन से पंचक आएंगे
हिन्दू पंचांग के अनुसार जब पंचकों की शुरआत सोमवार और बुधवार से होती है तो उसे राज पचंक कहा जाता है। इस बार फरवरी में पंचक 26 फरवरी बुधवार से होंगे। इसलिए इस बार के पंचक बेहद खास माने जा रहे हैं।
इतने दिन में रिपीट होते हैं पंचक
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पंचक 23 दिन में रिपीट होते हैं। यानी 23 दिन बाद जब साढ़े चार नक्षत्रों की चाल बदलती है तो इस दौरा न पंचक शुरू होते हैं।
पंचक कब शुरू होते हैं
हिन्दू धर्म और ज्योतिष के अनुसार पंचांग में जब धनिष्ठा नक्षत्र आधा निकल जाता तब पंचक शुरू होते हैं। यानी धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से पंचकों की शुरुआत होती है और इसकी समाप्ति रेवती नक्षत्र पर होती है। साढ़े चार नक्षत्र मिलाकर एक पंचक का निर्माण करते हैं।
पंचक में कितने नक्षत्र होते हैं
विशेषज्ञों के अनुसार पंचकों में आधा नक्षत्र धनिष्ठा, सतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र शामिल होते हैं।
क्या होते हैं अग्नि पंचक (Agni Panchak)
हिन्दू धर्म के अनुसार जब पंचक मंगलवार को पड़ते हैं तो इसे अग्नि पंचक (Agni Panchak) कहते हैं।
पंचकों में शादी शुभ या अशुभ
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पंचकों में वैसे तो कुछ कामों की मनाही है लेकिन इस दौरान यदि विवाह कार्य किए जाएं तो ये बेहद शुभ माने जाते हैं। कई बार लोग पंचकों में ही विवाह मुहूर्त निकलवाते हैं।
पंचक कितने तरह के होते हैं (Type of Panchak)
पंचकों मुख्य रूप से पांच तरह के होते है। इसमें रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक, मृत्यु पंचक शामिल हैं।
पंचक कितने तरह के होते हैं (Type of Panchak)
पंचकों मुख्य रूप से पांच तरह के होते है। इसमें रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक, मृत्यु पंचक शामिल हैं।
क्या होते हैं रोग पंचक (Rog Panchak)
यदि पंचक रविवार को पड़े तो उसे रोग पंचक कहा जाता है।
क्या होते हैं राज पंचक (Raj Panchak)
जब पंचक सोमवार को पड़े तो इसे राज पंचक (Raj Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं अग्नि पंचक (Agni Panchak)
जब पंचक मंगलवार को पड़े तो इसे अग्नि पंचक (Agni Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं चोर पंचक (Chor Panchak)
जब पंचक शुक्रवार को पड़े तो इसे चोर पंचक (Chor Panchak) कहते हैं।
क्या होते हैं मृत्यु पंचक
जब पंचक शनिवार के दिन पड़े तो इसे मृत्यु पंचक (Mrityu Panchak) कहते हैं। बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचकों को सोमवार और मंगलवार के पंचक के समान माना जाता है।
पंचक में क्या नहीं करना चाहिए
ऐसा माना जाता है पंचकों में कोई भी शुभ काम नहीं करना (Panchak me Kya nahi Karna Chahiye) चाहिए। पंचक में लकड़ी या लकड़ी का सामान घर नहीं लाना चाहिए। इस दौरान चारपाई बुनवाना भी वर्जित माना गया है। इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना वर्जित है। साथ ही घर को भी इस दौरान रंगरोगन और पेंट नहीं कराना चाहिए।
यह भी पढ़ें:
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले से विशेषज्ञ की सलाह ले लें।