Mahashivratri 2024 Abhishek Niyam: आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत से अभिषेक करते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि कच्चे दूध से ही भगवान शिव का अभिषेक क्यों करना चाहिए।(Shivji ko Kachchha Milk Kyon Chadhate Hain) यदि नहीं तो चलिए जानते हैं आखिर भगवान शिव का अभिषेक कच्चे दूध से करने से क्या होता है।
कच्चे दूध से शिव का अभिषेक क्यों
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जो भगवान को हमेशा प्राकृतिक चीजें चढ़ानी से ही फल की प्राप्ति होती है। दूध को जब तक उबाला नहीं जाता तब वह प्राकृतिक होता है। उबालने से उसके प्राकृतिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसके लिए कहा जाता है कि भगवान शिव (Mahashivratri Shiv Puja Niyam) को हमेशा कच्चा दूध ही चढ़ाना चाहिए।
यथो उत्पन्नम् तथा अर्पणम्
यानी जो जैसा उत्पन्न हुआ है उसे वैसा ही अर्पित करना चाहिए।
एक बेलपत्र को कितनी बार चढ़ा सकते हैं
कहते भगवान शिव को चढ़ाई जाने वाली बिल्व पत्र को बार-बार धो कर 10 दिन तक चढ़ाया जा सकता है। इसे बासा नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि ये पेड़ में लगी होने से गिरती नहीं है। साथ ही इसे 10 दिन तक बासा नहीं माना जाता। इसे लेकर शास्त्रों में एक श्लोक भी वर्णित हैं।
दस रात्रेण बिल्लकम्
यानी बेलपत्र दस दिन तक बासा नहीं माना जाता।
तो वहीं कमल के फूल को लेकर मान्यता है कि ये पांच दिन तक बासा नहीं होता।
शिव पार्वती को लगी मेंहदी
महाशिवरात्रि का त्योहार पर (Mahashivratri 2024) साकेत नगर स्थित भवानी शंकर धाम मंदिर में भगवान के विवाह कार्यक्रमों में गुरुवार को शिवजी को मेंहदी लगाई गई। कॉलोनी की महिलाओं ने हरे कपड़ों में माता पार्वती का श्रृंगार किया गया। इसके बाद शाम को पूरे रीति रिवाज के साथ उन्हें मेंहदी लगाई गई।
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