नागपुर। महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में विपक्षी दलों ने सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ द्वारा शिंदे द्वारा लिए गए एक फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देने की पृष्ठभूमि में विपक्षी दलों के विधायक मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
राज्य की उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (MBA) सरकार में मंत्री रहे शिंदे ने झुग्गीवासियों को दी जाने वाली भूमि को कथित तौर पर कुछ अन्य लोगों को आवंटित करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने इसी फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। न्याय मित्र अधिवक्ता आनंद परचुरे ने 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय की एक पीठ को बताया था कि शिंदे ने एमवीए सरकार के शहरी विकास मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एनआईटी को झुग्गी निवासियों की आवास योजना के लिए अधिग्रहित भूमि अन्य 16 लोगों को देने का निर्देश दिया था।
विधान भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय में एमवीए नेताओं की बैठक के बाद नागपुर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, कांग्रेस नेता नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोराट, शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे और अन्य नेताओं ने विरोध- प्रदर्शन किया। एमवीए के नेताओं ने शिंदे सरकार के भ्रष्ट होने को लेकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।