औरंगाबाद, 12 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) ने बीड जिले में परली तापीय बिजलीघर को संयंत्र से निकलने वाली राख का प्रबंधन कथित रूप से सही तरीके से नहीं करने को लेकर नोटिस दिया है।
एमपीसीबी के एक अधिकारी ने मंगलवार को नोटिस की जानकारी देते हुए कहा कि परली में राख के रखाव को लेकर कोई विशेष सुविधा तैयार नहीं की गयी है और ट्रकों के जरिये ढुलाई से सड़कों और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या होती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस मसले के समाधन के लिये, हमने बिजलीघर को नोटिस दिया है और उसके अधिकारियों से उसके अनुसार कदम उठाने को कहा है। हमने अपने अधिकारियों से परली में बिजली संयंत्र के आसपास हवा की गुणवत्ता जांचने को कहा है। रिपोर्ट आने के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे।’’
परली बिजलीघर महाराष्ट्र राज्य बिजली उत्पादन कंपनी का संयंत्र है।
बिजली संयंत्र के मुख्य इंजीनियर मोहन अवहद ने पीटीआई-भाषा से कहा कि राख रखने के लिये परली में बड़ा तालाब बनाया गया है। सरकार की नीति के अनुसार इसे मुफ्त में ईंट बनाने वाली इकाइयों को दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि ट्रकों के जरिये राख की ढुलाई के दौरान, कुछ सड़कों पर गिरता है और जब दूसरे वाहन गुजरते हैं, राख से वायु प्रदूषण फैलता है और समस्या पैदा होती है।’’
मुख्य इंजीनियर ने कहा, ‘‘हमें आठ जनवरी की तारीख का एमपीसीबी का नोटिस सोमवार को मिला है। नोटिस में राख के कारण उत्पन्न पर्यावरण समस्या को रोकने के लिये उठाये जा रहे सुधारात्मक कदमों के बारे में पूछा गया है।’’
उन्होंने कहा कि हमने सड़क किनारे और अन्य जगहों पर गिरे सभी राख को हटाने का निर्णय किया है।
मोहन ने कहा कि वे राख की ढुलाई करने वालों से भी बात कर रहे हैं और उन्हें निर्धारित स्तर तक ही राख ले जाने को कह रहे हैं। ‘‘हम उनसे राख की ढुलाई बंद वाहनों में करने के लिये कहेंगे। एक महीने में ये कदम उठाए जाएंगे।’’
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर