Maharashtra-Karnataka Conflict: कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कही हिंसा तो कही बसों पर पथराव भी हो रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम ने बड़ा फैसला लेते हुए महाराष्ट्र की तरफ जा रही सभी बसों को सस्पेंड कर दिया है। उधर टेंशन बढ़ता देख महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंन्द्र फडनीवस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है।
Karnataka-Maharashtra border row | People from local outfits in Solapur spray black paint on a Karnataka bus & CM Bommai’s photo amid continuing protests over the border issue between two states. pic.twitter.com/wB0GNuFlQj
— ANI (@ANI) December 7, 2022
बसों पर हो रहे पथराव
बता दें कि विवाद इतना बढ़ गया है कि जिस विवादित महाराष्ट्र के बेलगावी जिले के लिए सीमा विवाद हो रहा है, उधर की तरफ जाने वाली कर्नाटक की बसों पर पथराव किया जा रहा है। जिसको देखते हुए कुछ समय के लिए इंटर स्टेट बस सर्विस को सस्पेंड कर दिया गया है। जारी बयान में उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम ने बताया कि इस समय सिर्फ बेलगावी जिले के निपानी तक ही बसें संचालित की जा रही हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र से Ranebennur आई बसों में भी तोड़फोड़ की गई। वहीं महाराष्ट्र के सोलरपुर में कर्नाटक की जो गाड़ियां है उन पर कालिख पोत विरोध दर्ज किया जा रहा है। बस सर्विस सस्पेंड होने की वजह करीब 25 लाख रूपए के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
डिप्टी सीएम फडणवीस ने गृह मंत्री अमित शाह से की बात
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें पिछले एक सप्ताह में कर्नाटक के साथ हुए सीमा विवाद से जुड़े घटनाक्रम की जानकारी दी। फडणवीस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र से जाने वाले वाहनों में तोड़फोड़ अच्छी बात नहीं है। दो राज्यों के बीच ऐसी स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें (शाह को) अवगत कराया है कि मैंने कल कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की और आग्रह किया कि उन्हें भी बोम्मई से बात करनी चाहिए। शाह ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।’’
जानें पूरा विवाद
दरअसल, मामले के शुरूआत की कहानी 1956 से शुरू होता है, जब भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का काम चल रहा था। उस वक्त महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने बेलगावी (पहले बेलगाम), निप्पणी, कारावार, खानापुर और नंदगाड सहित 814 को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की मांग की थी। लेकिन उनकी मांग के उलट पूर्व जज मेहर चंद महाजन की अध्यक्षता में एक आयोग ने निप्पणी, खानापुर और नांदगाड सहित 262 गांव महाराष्ट्र में शामिल करने की पेशकश की। यह महाराष्ट्र की पसंद नहीं आया। क्योंकि महाराष्ट्र बेलगावी सहित 814 गांवों की मांग कर रहा था।
यही वजह है कि जो बेलगावी जिला फिलहाल कर्नाटक में है उसे महाराष्ट्र चाहता है कि वह जिला उसके राज्य में हो। इसके साथ ही महाराष्ट्र 814 अन्य गांवों पर भी अपना हक मानता है। लेकिन कर्नाटक सरकार को यह मंजूर नहीं और फिर यहां से शुरू हो जाती है सीमा विवाद की कहानी। कभी कर्नाटक में जाने वाली महाराष्ट्र की बसों में तोड़फोड़ की जाती है तो कभी महाराष्ट्र में खड़ी कर्नाटक की बसों में। ऐसे में अब देखना कि गृह मंत्री इसका क्या हल लेकर आते है। वहीं अंत में बताते चलें कि साल 2006 में इस मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि इस मसले को आपसी बातचीत से हल किया जाना चाहिए।