Mahakumbh IIT Engineer Baba: प्रयागराज महाकुंभ ( Prayagraj Mahakumbh ) में IIT बाबा अभय सिंह के बाद एक और ऐसा बाबा सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी ऐशो आराम की दुनिया को छोड़कर आध्यात्मिक जीवन की राह अपनाई है। दिगंबर कृष्ण गिरि (Digambar Krishna Giri), जो कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक, जीएम का पद और सवा तीन लाख रुपए महीने की सैलरी छोड़कर निरंजनी अखाड़े में नागा संन्यासी बने हैं। उन्होंने बसंल न्यूज डिजिटल को बताया कि हरिद्वार में नागा साधुओं को देख कर उनके मन में संन्यासियों के जीवन के बारे में गहरी जिज्ञासा जागी, और तभी से उन्होंने आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।
बेंगलुरु के रहने वाले हैं दिगंबर कृष्ण गिरि
बेंगलुरु के रहने वाले दिगंबर कृष्ण गिरि के पिता तीर्थ पुरोहित हैं और उनका जन्म एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। दिगंबर कृष्ण गिरि ने एसीसी, बिरला, डालमिया और कजारिया जैसी प्रमुख कंपनियों में काम किया है। संन्यास लेने से पहले, वह 2010 में दिल्ली की एक कंपनी में जीएम ( जनरल मैनेजर ) के पद पर थे, जहां उनके अधीन 450 कर्मचारी काम करते थे।
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संन्यासी बनने से पहले 10 दिन मांगी भीख
दिगंबर कृष्ण गिरि ने पहले सभी अखाड़ों को मेल करके उनसे जुड़ने की इच्छा जताई, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला। संन्यासी बनने से पहले उन्होंने हरिद्वार में दस दिनों तक भीख मांगी, क्योंकि वह देखना चाहते थे कि क्या वह भीख मांग सकते हैं या नहीं। उनका मानना है कि ज्यादा पैसा होने से आदतें खराब हो जाती हैं और दिमागी शांति नहीं मिल पाती। इंसान मशीनों की तरह काम करने लगता है। संन्यास लेने के बाद, वह कहते हैं कि अब उनका मन बहुत शांत है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, दूसरे अमृत स्नान के लिए फ्री शटल बस की सुविधा
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान होगा। पहले अमृत स्नान में आई श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए रोडवेज अधिकारियों ने शटल बस को निशुल्क चलाने का निर्णय लिया है। ये बसें शहर के सभी 13 रूटों पर तीन दिन के लिए फ्री में चलाई जाएंगी। महाकुंभ में आए श्रद्धालु फ्री में तीन दिन यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…