Maha Kumbh Mela Fire: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में एक बार फिर आगजनी की घटना सामने आई है। यहां सेक्टर नंबर 18 में स्थित इस्कॉन कैंप में भीषण आग लग गई, आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के क्षेत्र में भी अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के मुताबिक, फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास किया। शुरुआती जांच में पता लगा है कि आग शिविर के किचन में लगी थी। जहां रखे गैस सिलेंडर के फटने से हादसा हुआ है। हालांकि आधिकारिक रूप से आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं की गई है। आग की घटना से लोगों में दहशत फैल गई। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया है। आग लगने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना ने महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठा दिए हैं।
#WATCH प्रयागराज | महाकुंभ मेला क्षेत्र के शंकराचार्य मार्ग स्थित सेक्टर-18 में आग लग गई। दमकल की गाड़ियां मौके पर हैं। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। pic.twitter.com/bwlP8cw5Ov
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 7, 2025
अधिकारियों ने जानकारी देकर कहा कि आग लगने के कुछ मिनटों के भीतर ही इसे काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि, आर्थिक नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। फायर ब्रिगेड की स्पेशलाइज्ड टीम यह पता लगाएगी कि आग किस वजह से लगी। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर अनाउंस किया कि कोई कैजुअलटी नहीं है और सब चीजें कंट्रोल में हैं। सभी लोगों को असेंबली प्वाइंट पर आने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि जिस जगह पर आगजनी की घटना हुई है वहां बड़ी संख्या में संत और महात्मा रहते हैं। बीते कई दिनों से यहां इतनी भीड़ हो रही है कि तिल रखने की जगह नहीं होती। लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस, आरएएफ और दमकल ने टीमवर्क करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने कहीं रास्ता रोका, तो कहीं रूट डायवर्ट किया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
महाकुंभ में कब- कब लगी आग
इससे पहले 30 जनवरी को महाकुंभ से सटे छतनाग गांव में अवैध रूप से बनी टेंट सिटी “जस्ट ए शिविर” में आग लगी थी, जिसमें 15 लग्जरी कॉटेज जलकर राख हो गए थे। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण बताया गया था। वहीं 19 जनवरी को सेक्टर-19 में गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में आग लग गई थी, जिसमें कई कॉटेज जलकर राख हो गए थे। दुर्घटना के दौरान कॉटेज में रखे एलपीजी सिलेंडर धमाके के साथ फटे थे। इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है और श्रद्धालुओं से आग से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।