बंसल न्यूज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 अक्टूबर मंगलवार के दिन पहुंचने से पहले मध्यप्रदेश सरकार का कार्यभार भगवान महाकाल ने संभाल लिया है। भगवान महाकाल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव और सभी मंत्री कैबिनेट बैठक करते नजर आए। विद्वान पंडितों का कहना है कि सृष्टि का भार इन दिनों भगवान आशुतोष के पास है। उज्जैन में विधिवत भगवान विष्णु के शयन में जाने से पहले भगवान महाकाल ने उनसे सृष्टि का भार अपने ऊपर ले रखा है। ऐसे में पूरी सरकार भगवान महाकाल की शरण में है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बैठक में महाकाल परिसर के विस्तार पर खूब विचार-विमर्श हुआ। ये कल्पना 2016 के सिंहस्थ के समय शुरू हुई थी, लेकिन फिर हम लोगों ने इसके प्रारंभिक चरण में नागरिकों, मंदिर समिति और इससे संबंधित सभी लोग से चर्चा की और उनके विचारों को ध्यान में रखकर परिसर के विस्तार की योजना बनाई। डीपीआर का काम 1 साल में हम लोगों ने उस समय पूरा किया था। कैबिनेट में पूरी चर्चा करके प्रथम चरण के लिए टेंडर हमने 2018 में चुनाव के पूर्व बुलाए थे। इसके टेंडर आमंत्रित कर दिए गए थे। बाद में सरकार बदलने के कारण काम सुप्त अवस्था में चला गया था, लेकिन 2020 में फिर सरकार बनने के बाद दौरा किया था। तब बैठकर और विस्तार से चर्चा करके समीक्षा की। प्रारंभ में परियोजना की लागत 95 करोड़ की थी । उसको बढ़ाकर फिर 856 करोड़ की पूरी परियोजना बनी।
दो चरण तय किए
प्रथम चरण- 351 करोड़ 55 लाख का था, लेकिन उस समय यह आवश्यकता महसूस हुई कि प्रथम चरण के अलावा भी और काम होंगे। फिर द्वितीय चरण के लिए भी यहाँ हमने राशि स्वीकृत की।
दूसरा चरण- 310 करोड़ 22 लाख का, और यह भू अर्जन और बाकी कई चीजें हमने विस्थापित किये और उनको भी कष्ट ना देते हुए पूरी राशि देकर यहां से विस्थापित करने का काम किया। दूसरे चरण में भी अत्यंत महत्वपूर्ण काम यहां संपन्न होने हैं।
यह कार्य भी होंगे
वहीं महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, रूद्र सागर का जीर्णोद्धार भी पूरा होना है। रामघाट का सौंदर्यीकरण उसमें शामिल है। रूद्र सागर का पैदल पुल, शिखर दर्शन, मेघदूत वन , भूमिगत पार्क, नवीन बैटिंग हाल, आपातकालीन निर्गम एवं प्रवेश द्वार, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग का विकास, स्कूल परिसर लाइट एवं साउंड, मंदिर पहुंचने हेतु सुगम मार्ग, त्रिवेणी संग्रहालय का विस्तार, नीलकंठ वन-मार्ग का विकास, धर्मशाला का निर्माण, अन्न क्षेत्र का निर्माण, ऐसे करके यह सारे काम होने हैं। उसी के साथ साथ कुछ स्कूल रखे हैं, उनको भी हम लोग बनाने का काम करेंगे। नवीन स्कूलों का निर्माण, गणेश नगर स्कूल का निर्माण। यह पूरी परियोजना 856 करोड 9 लाख रुपए की होगी।
बाबा महाकाल ने पहली बार ली बैठक
आपको बाता दें कि मध्यप्रदेश में पहली बार बाबा महाकाल ने कैबिनेट की बैठक ली है। प्रशासनिक संकुल में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्य सीट पर बाबा महाकाल की तस्वीर रखी गई। महाकाल की तस्वीर के एक तरफ सीएम शिवराज और दूसरी तरफ मंत्री बैठे। इस मौके पर सीएम शिवराज ने बड़ा फैसला लिया। सीएम ने कहा कि महाकाल कॉरिडोर अब ‘महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा भोजन, भंडारे आदि का आयोजन किया जाएगा। आगंतुकों के लिए पेयजल, पार्किंग, ठहरने और आकस्मिक स्थिति में इलाज आदि की व्यवस्था के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं अपनी सेवाएं देंगी। उज्जैन में विभिन्न स्थानों पर देश के अलग-अलग अंचलों के नृतक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे। चौहान ने कहा कि पूर्ण गरिमा और भव्यता के साथ महाकाल की सवारी निकाली जाएगी, देवस्थानों में कीर्तन, भजन और सुंदरकांड का पाठ होगा।