हाइलाइट्स
- एमपी के 5 जिलों में आज शाम 4 बजे मॉक ड्रिल होगी।
- बजेगा सायरन, लाइट बंद और सुरक्षित स्थानों का अभ्यास।
- 1971 के युद्ध के बाद पहली बार बड़े स्तर पर अभ्यास।
MP Mock Drill: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इसको लेकर भारत ने तैयारी तेज कर दी है, केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने देशभर के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश के 5 जिलों में आज बुधवार (7 मई) को युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी के तहत मॉक ड्रिल की जाएगी। यह अभ्यास 1971 के युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर हो रहा है।
भोपाल में कल शाम 04.00 बजे से 08.00 बजे तक #mockdrill नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।
अफवाहों से बचे, प्रशासन का सहयोग करें।
श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह
कलेक्टर भोपाल @CMMadhyaPradesh@mohdept#CMMadhyaPradesh #mockdrillsinindia pic.twitter.com/LgIxNQ29LZ— Collector Bhopal (@CollectorBhopal) May 6, 2025
एमपी के 5 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल
भारत-पाक तनाव के बीच भारत सरकार ने नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। मध्य प्रदेश के 5 प्रमुख शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी में शाम 4 बजे यह अभ्यास किया जाएगा। मॉकड्रिल में राजधानी भोपाल शाम 7 से 8 बजे के बीच 10 मिनट के लिए ब्लैकआउट (बिजली बंद) किया जाएगा। विशेष सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा। साथ ही रोशनी बंद करने और अपने आप सुरक्षित करने के निर्देश दिए जाएंगे।
बजेगा सायरन, लाइट बंद और सुरक्षित स्थानों का अभ्यास
मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड वार्निंग सायरनों का बजाया जाएगा, यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है। सायरन बजते ही लोगों को घरों की लाइट बंद करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की घोषणा की जाएगी। विशेष सायरन बजते ही नागरिकों से कहा जाएगा कि वे लाइट बंद करें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। सायरन की आवाज पुराने फायर ब्रिगेड सायरन जैसी होगी। जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह अलर्ट रहेंगी।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति में नागरिकों, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को तैयार रखना है। प्रदेश भोपाल, इंदौर समेत पांच जिलों का चुनाव सुरक्षा और रणनीतिक महत्व के आधार पर किया गया है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थान मौजूद हैं। कटनी एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। इन सभी को रणनीतिक रूप से अहम माना गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिए निर्देश
मॉक ड्रिल को लेकर मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन अलर्ट है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इसकी तैयारियों को लेकर समीक्षा की और कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। सीएम मोहन यादव ने ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद बने तनाव को देखते हुए यह मॉक ड्रिल बेहद जरूरी है।
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सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है? (What is Civil Defence Mock Drill?)
- सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसका उद्देश्य नागरिकों, प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं को युद्ध या आपदा जैसी स्थिति के लिए तैयार करना होता है। इसमें वास्तविक आपात स्थिति जैसी परिस्थितियाँ बनाई जाती हैं, जैसे:
- हवाई हमले के सायरन बजाए जाते हैं।
- शहर में ब्लैकआउट (बिजली बंद) किया जाता है।
- नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाता है।
- आपातकालीन टीमें रेस्क्यू, मेडिकल और लॉजिस्टिक सपोर्ट का अभ्यास करती हैं।
- इस ड्रिल का मकसद है कि आपदा के समय घबराहट, भ्रम और नुकसान को कम किया जा सके, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना कि सभी विभाग एकजुट होकर काम कर सकें।
- मॉक ड्रिल का उद्देश्य है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति जैसे युद्ध के दौरान नागरिक, प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियां किस तरह और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया दे सकती हैं, इसका अभ्यास और मूल्यांकन किया जा सके।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
- मॉक ड्रिल के दौरान युद्ध जैसे हालात का अनुकरण किया जाएगा। विशेष सायरन की आवाज बजेगा। जिसकी तेज आवाज पूरे जिले में सुनाई देगी। पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा घोषणा कर नागरिकों को अलर्ट किया जाएगा।
- लोगों से घरों की बिजली तुरंत बंद करने को कहा जाएगा, क्योंकि युद्ध में दुश्मन देश रोशनी से आबादी वाले इलाकों की पहचान कर सकते हैं। बड़े भवनों से लोगों को सुरक्षित निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। घायलों को बचाने और राहत पहुंचाने की प्रक्रिया का भी अभ्यास होगा।
- छात्रों और नागरिकों को बचाव प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिजली, पानी और ईंधन की आपूर्ति की तैयारियों की जांच होगी। ड्रिल की अवधि कलेक्टर तय करेंगे और खत्म होने पर सामान्य स्थिति की घोषणा के लिए फिर से सायरन बजाया जाएगा।
ड्रिल के बाद क्या?
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सभी विभागों को अपनी तैयारियों को बनाए रखना होगा।
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अस्पताल, बिजली-पानी आपूर्ति, साइबर सुरक्षा और पेट्रोलियम भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
लोगों से सहयोग की अपील
मॉक ड्रिल के दौरान आम लोगों में डर न फैले, इसको लेकर कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे नागरिकों को जागरूक करें, लेकिन घबराहट या सामान जमा करने की स्थिति न बनने दें। प्रशासन ने नागरिकों से सहयोग की अपील की है। कहा गया है कि यह सिर्फ एक अभ्यास है और घबराने की जरूरत नहीं है। यह तैयारी हर नागरिक के हित में है।
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