Madhya Pradesh Utsav: दिल्लीवासियों और दिल्ली में रहने वाले मध्य प्रदेश के लोगों के लिए एक खास मौका आ रहा है। दिल्ली में आज से मध्य प्रदेश उत्सव की शुरूआत हो रही है। इस उत्सव में एमपी का खानपान, आर्ट, कल्चर का आनंद लिया जा सकता है। मध्य प्रदेश उत्सव दिल्ली में चाणक्यपुर स्थित मध्य प्रदेश भवन में आयोजित किया जा रहा है। उत्सव आज से शुरु होकर 4 दिनों तक चलेगा। इस उत्सव के दौरान, दिल्लीवासियों को मध्य प्रदेश की अनूठी सांस्कृतिक और पारंपरिक झलक देखने को मिलेगी, साथ ही वे राज्य के हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकेंगे।
हैंडलूम प्रोडक्ट्स की दुकानें लगेंगी
उत्सव में एक प्रमुख आकर्षण मध्य प्रदेश के हैंडलूम प्रोडक्ट्स होंगे, जो अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता और डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां पर दर्शकों को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए रंगीन साड़ी, शॉल, और अन्य वस्त्रों की एक व्यापक रेंज देखने को मिलेगी। हैंडलूम कपड़ो की विशिष्टता और परंपरागत कलाकारी को देखकर आप मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को जान सकेंगे।
इंदौरी पोहा, रतलामी सेव समेत मिलेंगी ये डिश
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध खाद्य पदार्थ भी इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। आप इंदौरी पोहा, सेवभाजी और महेरी जैसे पारंपरिक मध्य प्रदेशी व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे। सेवभाजी और महेरी जैसी पारंपरिक डिशेस भी यहां मिलेंगी। सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक चलने वाले फेस्टिवल में मालवा थाली, बुंदेलखंडी थाली, निमाड़ी थाली और बघेलखंडी थाली का स्वाद ले सकेंगे। दाल-बाटी, चूरमा के लड्डू, रतलामी सेंव, पंचमेल दाल, बाजरा रोटी, अमरुद चटनी, दाल, पानिया, इंद्रहार, घुइंयां की सब्जी जैसे व्यंजन भी उत्सव में आने वाले नागरिकों के लिए उपलब्ध होंगे।
संस्कृति और परंपरा की झलक
इस उत्सव में मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। आप यहां पर विभिन्न कला प्रदर्शनों, लोक नृत्यों, और संगीत कार्यक्रमों का आनंद ले सकेंगे, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय कला और शिल्प की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जहां आप कलाकारों से मिल सकते हैं और उनके अद्वितीय काम को नजदीक से देख सकते हैं।
30 अगस्त से 2 सितंबर तक कार्यक्रम की सूची
30 अगस्त को देवास की कलापिनी कोमकली द्वारा देवास का शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया जाएगा। दूसरे दिन 31 अगस्त को भोपाल की ओडिसी नृत्यांगना बिन्दु जुनेजा प्रस्तुति देंगी। 1 सितंबर को मैहर वाद्य वृन्द और 2 सितंबर को रीवा के बघेली लोक गायक शशि कुमार पाण्डेय एवं खंडवा की निमाड़ी लोकगायिका अलोचना मांगरोले द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी जाएगी।