Ujjain Crime News: महंत सुरेशानंद गिरि को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर उनके साथ साढ़े सात लाख रुपये की ठगी करने की गई है जिससे महंत बेहद परेशान हो गए हैं और पुलिस से इस मामले की शिकायत की है।
शिकायत पर पुलिस ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी और एक सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
Ujjain Crime News: महंत को लगा लाखों का झटका, पुलिस ने किया केस दर्ज, महामंडलेश्वर मंदााकिनी ने की खुदकुशी की कोशिश#MPNews #Ujjain #Crime #crimenews
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 7, 2024
महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने की खुदकुशी की कोशिश
महामंडलेश्वर मंदाकिनी दीदी ने आश्रम पर फिनायल पीकर खुदकुशी की कोशिश की है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अभी उनकी हालात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। महामंडलेश्वर पर साढ़े सात लाख रुपये लेकर महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने के लगे थे आरोप थे जिसमें मंडी थाने में केस दर्ज हुआ था।
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस ने बताया कि महंत सुरेशानंद गिरि ने शिकायत की कि सांदीपनि आश्रम के सामने नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर में रहने वाली महामंडलेश्वर मंदाकिनी और सहयोगी अश्विनी चौधरी ने झांसे में लेकर उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने की बात कही थी।(Ujjain Crime News)
इसके बदले में उन्होंने साढ़े सात लाख रुपये ले लिए। रुपय लेने के बाद से ही वह महामंडलेश्वर बनाने की बात टालते ही रहे और महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने मुझे निरंजनी अखाड़े महामंडलेश्वर नहीं बनाया।
अखाड़े में पता करने पर सच आया सामने
निरंजनी अखाड़े में पता करने पर सच सामने आया कि इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया था जिसमें आपको महामंडलेश्वर बनाने की बात हुई हो।
महामंडलेश्वर बनाने के लिए कोई राशि नहीं ली जाती। इसके बाद सुरेशानंद ने चिमनगंज मंडी पुलिस को शिकायत की।(Ujjain Crime News)
पुलिस ने दर्ज किया मामला
सुरेशानंद की शिकायत के बाद ही पुलिस ने महामंडलेश्वर मंदाकिनी और अश्विनी चौधरी पर आइपीसी की धारा 420, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है और पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।
कौन होते हैं महामंडलेश्वर
महामंडलेश्वर की उपाधि का शाब्दिक अर्थ है “महान या असंख्य मठों का श्रेष्ठ”।
इसका उपयोग कुछ हिंदू भिक्षुओं द्वारा संन्यासियों के लिए एक विशिष्ट अखाड़े या संप्रदाय मठ का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।
आयोजकों के अनुसार, वे शंकराचार्यों के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जो चार हिंदू मठों या मठ प्रतिष्ठानों के प्रमुख हैं।