Madhya Pradesh Tourism: भारत को दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए सरकार ने देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के रूप में विकसित करने और नए पर्यटन स्थल तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है।
भारत सरकार ने नए टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर विकसित करने के लिए 23 राज्यों की 40 जगहों को चुना गया है. जिसमें अस्स्म की ओर से अहोम के 600 साल पुराने रंगधार को शामिल किया गया है.
इसमें देशभर की 40 जगहों सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ टूरिस्ट स्पॉट को भी शामिल किया गया है.
रंग घर, शिवसागर (असम)
रंगघर असम के शिवसागर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक पवेलियन है, जिसे अहोम ने 600 साल पहले बनवाया था. यह एशिया का पहला पवेलियन है, जो पूरी तरह से पकी ईंटों से निर्मित है. जिसमें धातु का उपयोग नहीं किया गया.
इसके निर्माण में मिटटी की गोंद, हंस के अंडे और चावल जैसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया. इसका उपयोग अहोम राजपरिवार के मनोरंजन के लिए किया जाता था.
मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार)
मत्स्यगंधा झील बिहार के सहरसा जिले में स्थित एक खूबसूरत जलाशय है, जो अपनी शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्द है. यह झील स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक और संस्कृतिक महत्व रखती है.
झील के आसपास हरियाली और पक्षियों की प्रचुरता इसे एक परफेक्ट टूरिस्ट स्थल बनाती है. सरकार ने इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की योजना बनाई है, जिससे यह अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा.
टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा)
टाउन स्क्वायर, गोवा के पोरवोरिम में स्थित एक प्रमुख सार्वजानिक स्थल है. यह जगह अपनी गोवन संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्द है. यह स्थान स्थानीय कार्यक्रम, मेलों और सांस्कृतिक प्रोग्राम का केंद्र बनता है.
टाउन स्क्वायर में आसपास के आर्किटेक्चर, हरियाली और टूरिस्ट प्लेस के माहौल को आकर्षित करते हैं. इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनाई गयी है.
उत्तर प्रदेश के बटेश्वर, श्रावस्ती
उत्तरप्रदेश के बटेश्वर और श्रावस्ती ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हैं. बटेश्वर में प्राचीन मंदिरों का समूह है, जो अपने सुंदर आर्किटेक्चरके लिए फेमस है.
श्रावस्ती बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ एक प्रमुख स्थल है. जहां भगवान बुद्ध ने कई वर्ष व्यतीत किए थे. इन दोनों स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा. जिससे धार्मिक और संस्कृतिक महत्व को और बढ़ावा मिलेगा.