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नाराज शिक्षकों ने फाड़ी सूची: अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग में हुआ विवाद, आनन-फानन में रद्द की सुबह की काउंसलिंग

Surplus Teachers Controversy: स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना के लिए आयोजित काउंसलिंग में सोमवार को विवाद हो गया।

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Aman jain
Surplus Teachers Controversy

Surplus Teachers Controversy

Surplus Teachers Controversy: स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना के लिए आयोजित काउंसलिंग में सोमवार को विवाद हो गया। नाराज शिक्षकों ने नवीन स्कूल में अतिशेष शिक्षकों की सूची फाड़ दी, जिसके चलते सुबह की काउंसलिंग तुरंत रद्द कर दी गई थी, हालांकि दोपहर करीब 3 बजे काउंसलिंग का दुबारा आयोजित किया गया।

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सोमवार को दो शिफ्ट में काउंसलिंग का कार्यक्रम रखा गया था। पहली शिफ्ट में सहायक और प्राथमिक शिक्षकों की काउंसलिंग होनी थी, जबकि दूसरी शिफ्ट में उच्च श्रेणी और माध्यमिक शिक्षकों की काउंसलिंग का कार्यक्रम था।

ज्वाइनिंग को लेकर बड़ा विवाद

भोपाल में शिक्षकों को पदस्थापना के दौरान गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें शहर के दूर-दराज क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। प्राथमिक शिक्षकों की काउंसलिंग में सुबह घोषित पदों की संख्या दोपहर में कम कर दी गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

भोपाल और फंदा में कोई पद शेष नहीं रह गया, जिसके कारण शिक्षकों को बैरसिया के स्कूलों में ज्वाइनिंग के लिए कहा गया। इस पर कई शिक्षकों ने असहमति व्यक्त की, जिससे तनाव बढ़ गया। शिक्षकों की इस समस्‍या से काउंसलिंग प्रक्रिया में और भी जटिलता पैदा कर दी।

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बच्‍चों के लिए नहीं है पर्याप्‍त शिक्षक

सेवनिया ओमगरा में स्थित स्कूल में 63 विद्यार्थियों के लिए केवल दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन दोनों को ही अतिशेष करार दिया गया है। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि शिक्षकों की कमी के बावजूद छात्रों की संख्या अधिक है।

इसी तरह के कई अन्य मामलों की भी रिपोर्ट है, जहां छात्र संख्या अधिक होने के बावजूद शिक्षकों को अतिशेष बताया जा रहा है। यह समस्या शिक्षा व्यवस्था में असंतुलन और शिक्षकों की सही उपयोगिता को दर्शाती है।

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पोर्टल अपडेट में कमी से परेशानी

स्कूल शिक्षा विभाग 8 सितंबर 2022 की नीति के अनुसार प्रदेशभर में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग कर रहा है, लेकिन पोर्टल अपडेट न होने के कारण कई समस्याएं सामने आ रही हैं। इस स्थिति से न केवल शिक्षक बल्कि संबंधित स्टाफ भी परेशान हैं। काउंसलिंग की प्रक्रिया 15 मई 2024 तक पूरी की जानी थी, लेकिन इसे बीच सत्र में लागू किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

वर्ग 1 की काउंसलिंग में ऐसे कई नाम शामिल हो गए हैं जो व्याख्याता से प्रिंसिपल बन चुके हैं, लेकिन पोर्टल पर उनका नाम अपडेट नहीं होने के कारण अब भी उन्हें व्याख्याता के रूप में दर्शाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, जानकारी के अनुसार, सीएम राइज स्कूलों के कुछ शिक्षकों के नाम भी अतिशेष सूची में शामिल कर लिए गए हैं, जो समस्या को और बढ़ा रहे हैं।

शिक्षक कर रहे मांग

नवीनतम काउंसलिंग लिस्ट में कई ऐसे स्कूलों को शामिल किया गया है जो पिछली काउंसलिंग में पहले ही आवंटित हो चुके थे। शिक्षकों का आरोप है कि यह प्रक्रिया लोक शिक्षण संचालनालय के स्तर पर चलाई गई थी, जिसमें 2022-23 की छात्र संख्या के आधार पर अतिशेष शिक्षकों का निर्धारण किया गया है।

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अधिकारी बताते हैं कि कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिससे पद खाली हो गए हैं और इस वजह से बड़ी गफलत उत्पन्न हो रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4473 स्कूलों में नर्सरी, केजी 1 और केजी 2 का संचालन होना है, लेकिन इन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया।

नतीजतन, इन स्कूलों की छात्र संख्या और पदों को काउंसलिंग में जोड़ा नहीं गया, जिससे अतिशेष की संख्या कम हो सकती थी। अब शिक्षक इन कक्षाओं को भी काउंसलिंग में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

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