Dharma Swatantrya Bill: MP में लव जिहाद के खिलाफ बिल को शिवराज कैबिनेट ने दी मंजूरी, अब विधानसभा में किया जाएगा पेश

Image Source: [email protected]Dr Narottam Mishra
MP Dharma Swatantrya Bill: मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ विधेयक को प्रदेश की कैबिनेट से झरी झंडी मिल गई है। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण विरोधी कानून ‘धर्म स्वातंत्र्य बिल-2020’ (MP Freedom of Religion Bill 2020) को मंजूरी दे दी गई है। अब यह विधेयक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र प्रस्तावित है।
गृह मंत्री @drnarottammisra, कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी दे रहे हैं। https://t.co/4tLkJMTidr
— Jansampark MP (@JansamparkMP) December 26, 2020
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को भी कैबिनेट बैठक हुई थी। तब धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर कोई फैसला नहीं हो पाया था। आज संशोधित विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
Under the new MP Freedom of Religion Bill 2020, forced conversion of a minor, woman or a person from Scheduled Caste or Scheduled Tribe, would draw a minimum jail term of 2-10 years with a minimum penalty of Rs 50,000: Madhya Pradesh Home Minister Narottam Mishra https://t.co/yYErFH85fH pic.twitter.com/rJM0lfZU3p
— ANI (@ANI) December 26, 2020
इस बिल को लेकर मुख्यमंत्री ने 5 दिसंबर को उच्च स्तरीय बैठक की थी। इस दौरान भी सीएम ने कहा था, अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर विवाह के माध्यम से या फिर अन्य किसी कपटपूर्ण साधन से धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा प्रयास करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने संबंधी प्रयास किए जाने पर प्रभावित व्यक्ति स्वयं, उसके माता-पिता या सगे संबंधी इसके विरुद्ध शिकायत कर सकेंगे। यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होगा। उप पुलिस निरीक्षक से कम श्रेणी का पुलिस अधिकारी इसकी जांच नहीं कर सकेगा। धर्मांतरण नहीं किया गया है यह साबित करने का भार अभियुक्त पर होगा।
धर्मांतरण की नियत से की गई शादी शून्य होगी
जो विवाह धर्म परिवर्तन की नियत से किया गया होगा वह मान्य नहीं होगा। इसके लिए कुटुम्ब न्यायालय या कुटुम्ब न्यायालय की अधिकारिता में आवेदन करना होगा।
सजा का प्रावधान
किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 1 से 5 साल का कारावास व कम से कम 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड होगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के मामले में 2 से 10 साल की जेल और कम से कम 50 हजार रूपए का जुर्माना प्रस्तावित है।
इसी तरह अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 3 से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 साल की जेल के साथ कम से कम 1 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान है।
यह कहती है धारा-03
धारा 3 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को भ्रमित कर, प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का षड़यंत्र नहीं करेगा।