Syed Haider Razas Nature Painting: मध्य प्रदेश में जन्मे प्रसिद्ध चित्रकार सैयद हैदर रज़ा की एक कीमती पेंटिंग महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के एक ऑक्शन वेयरहाउस से चोरी हो गई है। आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार इस पेंटिंग की कीमत 2.5 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
यह पेंटिंग 1992 में बनाई गई थी। इस पेंटिंग का नाम नेचर है। इस पेंटिंग को मुंबई के बैलार्ड पियर स्थित गुरु ऑक्शन हाउस के गोदाम में रखा गया था। एमआरए मार्ग पुलिस ने बताया है कि जब लगभग दो साल बाद गोदाम खोला गया, तो पेंटिंग के चोरी होने का पता चला।
पेंटिंग के मालिक, इंद्रवीर, जो मुंबई के निवासी हैं, ने इसे फरवरी 2020 में काला घोड़ा स्थित अस्तगुरु नीलामी घर प्राइवेट लिमिटेड को नीलामी के लिए सौंपा था, जिसके बाद यह गोदाम में संग्रहीत की गई थी। पुलिस ने अब इस मामले में चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मध्यप्रदेश में जन्मे थे मशहूर पेंटर
सैयद हैदर रज़ा का जन्म मध्य प्रदेश के मंडला जिले में जिले के उप वन अधिकारी सैयद मोहम्मद रज़ी और ताहिरा बेगम के घर हुआ था। यही वह जगह थी जहां उन्होनें अपने जीवन के प्रारंभिक साल गुज़ारे। इसी के साथ 12 साल की आयु में चित्रकला सीखी, जिसके बाद 13 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के ही दमोह चले गए। जहां इन्होनें राजकीय उच्च विद्यालय दमोह से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी।
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1950 में चले गए फ्रांस (Syed Haider Razas Nature Painting)
आपको बता दें कि हाई स्कूल के बाद सैयद हैदर रजा ने नागपुर में नागपुर कला विद्यालय (1939-43), तथा उसके बाद सर जे.जे. कला विद्यालय, बम्बई (1943-47) से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कि थी। इसके बाद 1950-1953 की बीच फ़्रांस सरकार से छात्रवृति प्राप्त करने के बाद अक्टूबर 1950 में पेरिस के इकोल नेशनल सुपेरियर डे ब्यू आर्ट्स से पढ़ाई करने के लिए फ़्रांस चले गए थे।
PAG के संस्थापक सदस्य थे रजा (Syed Haider Razas Nature Painting)
सैयद हैदर रजा भारत के मशहूर चित्रकार और बॉम्बे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप (PAG) के संस्थापक सदस्य थे। रजा ने भारतीय कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके चित्रों में गहरे दार्शनिक और सांस्कृतिक विचार दिखाई देते थे, जिसमें हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के तांत्रिक तत्वों की प्रमुखता थी। जो उनकी कला को अद्वितीय और गहन बनाते थे।
फ्रांस ने दिया था सर्वोच्च सम्मान
सैयद हैदर रजा को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए। उन्हें 2013 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से नवाजा गया। इससे पहले 2007 में पद्म भूषण और 1981 में पद्मश्री भी मिला था।
उनकी अंतरराष्ट्रीय पहचान को देखते हुए, 2015 में उन्हें फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, लीजन ऑफ ऑनर (Légion d’Honneur) भी दिया गया, जो उनकी कला के प्रति गहरे समर्पण और वैश्विक मंच पर भारतीय कला के प्रसार का प्रतीक है। रजा का निधन 23 जुलाई 2016 को दिल्ली में हुआ था।
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