मध्यप्रदेश के अधिकारियों ने तीन आईपीएस अधिकारियों, अन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई से ईसी को अवगत कराया

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को चुनाव आयोग (ईसी) को तीन आईपीएस अधिकारियों एवं अन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई से अवगत कराया, जिनकी 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान काले धन के उपयोग में कथित भूमिका सामने आई थी। आयकर विभाग द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नजदीकी सहयोगियों पर की गई छापेमारी के बाद उनकी कथित भूमिका का खुलासा हुआ था।
राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सूचित किया कि राज्य के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने मामले में पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज की है। उन्होंने मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देने के लिए दो हफ्ते का समय भी मांगा है। यह जानकारी आयोग के एक प्रवक्ता ने दी।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश कुमार राजौरा भी बैठक में मौजूद थे।
आयोग ने दिसंबर में मध्यप्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों को बुलाकर तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य के खिलाफ ‘‘आपराधिक कार्रवाई’’ दर्ज करने के अपने आदेश के बारे में जानकारी मांगने का निर्णय लिया था।
चुनाव आयोग ने 16 दिसंबर को बयान जारी कर कहा था कि इसने मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी से कहा है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों एवं अन्य के खिलाफ ‘‘आपराधिक कार्रवाई’’ दर्ज की जाए जिनकी 2019 के आम चुनावों के दौरान कमलनाथ के निकट सहयोगियों के खिलाफ आयकर की छापेमारी के बाद काले धन के इस्तेमाल में कथित भूमिका सामने आई थी।
आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव से आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ‘‘उपयुक्त विभागीय कार्रवाई’’ शुरू करने के लिए कहा था और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव से कहा कि राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के खिलाफ ‘‘इसी तरह की कार्रवाई’’ की जाए।
चुनाव आयोग ने कहा कि उसने सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद कार्रवाई की अनुशंसा की थी। सीबीडीटी आयकर विभाग का प्रशासनिक प्राधिकरण है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने तीनों आईपीएस अधिकारियों की पहचान सुशोभन बनर्जी, संजय माने, वी. मधु कुमार और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरूण मिश्रा के तौर पर की।
आयकर विभाग ने पिछले वर्ष अप्रैल में मध्यप्रदेश और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापेमारी की और जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी हुई थी उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, उनके एक रिश्तेदार की कंपनी मोजर बेयर के कर्मचारी, उनके एक अन्य निकट रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी के कर्मचारी और अन्य शामिल थे।
सीबीडीटी ने पिछले वर्ष आठ अप्रैल को बयान जारी कर कहा था कि आयकर विभाग के कर्मियों ने छापेमारी में 14.6 करोड़ रुपये की ‘‘बेनामी’’ नकदी और डायरियां तथा कंप्यूटर फाइल जब्त किए थे।
भाषा नीरज नीरज अविनाश
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