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MP Nursing College Scam
MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट की बेंच ने नर्सिंग फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में नर्सिंग कालेजों को राहत दी है।
अदालत ने नर्सिंग काउंसिल को 22 नवंबर तक ऑनलाइन मान्यता पोर्टल खोलने का (MP Nursing College Scam) आदेश दिया है। इस समय सीमा के भीतर, 100 बिस्तर के हॉस्पिटल की शर्त से छूट प्राप्त कॉलेज आवेदन करने में सक्षम होंगे।
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याचिकाओं पर हुआ विचार
नर्सिंग कालेजों द्वारा दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई थी, जो न्यायमूर्ति (MP Nursing College Scam) संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की विशेष युगलपीठ के समक्ष हुई।
इस सुनवाई में ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ नर्सिंग कालेजों की याचिकाओं पर विचार किया गया। बीएम नर्सिंग कालेज, भोपाल की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
अधिवक्ता पंकज दुबे ने पेश की दलील
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अधिवक्ता पंकज दुबे ने अपनी दलील में कहा कि कालेज का संचालन 2011 से किया जा रहा है। इस पर नर्सिंग काउंसिल ने कोर्ट को सूचित किया कि हाई कोर्ट के आदेश के तहत (MP Nursing College Scam) मान्यता का पोर्टल तीन दिन के लिए खोला जा रहा है।
22 नवंबर तक खुलेगा मान्यता पोर्टल
हाई कोर्ट ने बीएम नर्सिंग कालेज की याचिका का पटाक्षेप करते हुए आदेश दिया कि मान्यता का पोर्टल 19 से 21 नवंबर के बजाय 22 नवंबर तक खुला रहेगा। ग्वालियर के कई नर्सिंग कालेजों ने याचिका दायर कर अपनी मांग रखी थी।
नर्सिंग काउंसिल ने सत्र 2022-23 के लिए मान्यता देने से मना कर दिया था और जो बढ़ी हुई सीटें मांगी गई थीं, उनका आवेदन काउंसिल ने निरस्त कर दिया था।
नहीं हो पा रहा छात्रों का नामांकन
आपको बता दें कि काउंसिल के आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण छात्रों का नामांकन प्रभावित हो रहा है। जब काउंसिल के आदेश को डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) के समक्ष चुनौती दी गई, तो डीएमई ने कालेजों का अभ्यावेदन स्वीकार करते हुए उन्हें 2022-23 की मान्यता और बढ़ी हुई सीटों की मान्यता देने का आदेश दिया।
हालांकि, रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल ने इस आदेश का पालन (MP Nursing College Scam) नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों का नामांकन संभव नहीं हो पा रहा है।
कट-आफ तिथि निकलने के बाद प्रवेश नहीं दिए
सरकार और काउंसिल की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए बताया कि सत्र 2022-23 के लिए आईएनसी द्वारा छात्रों के प्रवेश के लिए जो कट-आफ तिथि निर्धारित की गई थी, वह निकल चुकी है और उसके बाद प्रवेश नहीं दिए जा सकते।
ग्वालियर के 56 कालेजों का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जहां से इन कालेजों को सीबीआई जांच के खिलाफ स्थगन आदेश प्राप्त हुआ है। इसलिए इन कालेजों को किसी भी राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए। इस मामले में हाई कोर्ट ने 21 नवंबर को फिर से सुनवाई निर्धारित कर दी है।
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