MP Guest Teachers, Madhya Pradesh Atithi Shikshak: मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए बेहद जरूरी खबर है। मध्यप्रदेश सरकार ने अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी है। अब अतिथि शिक्षक 30 अप्रैल तक स्कूलों में अपनी सेवाएं दे पाएंगे।
क्या लिखा आदेश में?
लोक शिक्षण मध्य प्रदेश द्वारा जारी किए गए आदेश में समस्त जिला शिक्षा अधिकारी म.प्र. को संबोधित करते हुए लिखा है कि शासकीय विद्यालयों मे शैक्षणिक व्यवस्था हेतु रिक्त पदों के विरूद्ध सत्र 2024-25 में विद्यालयों मे अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित करने के निर्देश संदर्भित पत्रों मे दिये गये थे। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में रिक्त पदों के विरूद्ध आमंत्रित अतिथि शिक्षकों की सेवायें विद्यालय मे रिक्त पद होने की स्थिति में 30 अप्रैल 2025 तक ली जा सकेगी।
सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर बाकी सभी कक्षाओं की परीक्षाएं मार्च महीने तक खत्म हो जाएंगी। साथ ही रिजल्ट भी आ जाएंगे और 1 अप्रैल से नए शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो जाएंगे।
ऐसे में, अगर नए शैक्षणिक सत्र से पहले अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teachers) की सेवाएं समाप्त की तो नए सत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए हजारों शिक्षकों की कमी हो जाएगी। 1 से 30 अप्रैल तक स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके, इसलिए सरकार ने ये फैसला किया है। मई-जून में स्कूलों की छुट्टी होने के बाद जुलाई से फिर अतिथि शिक्षकों को खाली पदों पर आमंत्रित किया जाएगा।
MP के अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट की राहत
इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण की मांग पर 30 दिनों के भीतर निर्णय ले। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो अतिथि शिक्षक अवमानना याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
अतिथि शिक्षकों ने याचिका दायर कर कहा था कि वे 10 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं और नियमितीकरण के पात्र हैं। उन्होंने सरकार पर अनसुनी करने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह अतिथि शिक्षकों की मांग पर जल्द निर्णय ले। यह फैसला राज्यभर के हजारों अतिथि शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो लंबे समय से नियमितीकरण की आस लगाए बैठे हैं।