IAS Letter To Daughter: मध्यप्रदेश के वरिष्ठ IAS और होम सेक्रेटरी ओमप्रकाश श्रीवास्तव बेटी श्रुति ने UPSC में अच्छे नंबर हासिल किए, लेकिन उनका चयन नहीं हो पाया। श्रृति ने कुछ फोटो के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि चयन नहीं हुआ फिर भी ये फोटो शेयर कर रहीं हूं, क्योंकि मैं अपनी असफलता को छिपाना नहीं चाहती। मैं स्वीकार करना चाहतीं हूं कि इसे मेरा हिस्सा बनाओ और मेरे साथ आगे बढ़ो।
बेटी की पोस्ट पर IAS पिता का जवाब
श्रुति की पोस्ट पर पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने रिप्लाई किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि नहीं श्रुति, तुम्हारा फेलियर नहीं है। तुमने एक ऊंचा लक्ष्य समाने रखा था। देशभर के सबसे प्रतिभाशाली और मेहनती अनारक्षित वर्ग के उन 100 युवाओं में अपना स्थान बनाया, जो इस कठिन परीक्षा के अंतिम चरण तक पहुंचे। अंतिम सफलता तो कई ऐसे कारणों पर निर्भर करती है, जो हमारे नियंत्रण के बाहर होते हैं। इसे ही भाग्य कहते हैं।
तुम्हारा ज्ञान, मेहनत किसी भी चयनित प्रत्याशी से कम नहीं है। तुमने पहले भी सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा दी है, जिस पेपर में तुम्हारे 125 के लगभग नंबर आते रहे हैं। इस बार उससे भी अच्छा पेपर जाने के बाद भी अनुमानित 135 के स्थान पर मात्र 103 नंबर मिलना सिर्फ भाग्य तो ही है, जिस कारण तुम किनारे तक पहुंच कर भी चयनित नहीं हो पाई। तुम्हारी मेहनत और व्यक्तित्व का मूल्यांकन तो इंटरव्यू बोर्ड ने किया है, जिसने तुम्हे 64 प्रतिशत अंक दिए हैं, जबकि आइएएस में भी 49-50 प्रतिशत पर अंतिम चयन हो जाता है। तुम्हारा, ज्ञान, मेहनत और व्यक्तित्व किसी भी चयनित प्रत्याशी से कम नहीं है।
अब तुमने अपना करियर खुद चुन लिया है। 6 साल तक दिन-रात मेहनत करके जो चाहा था और जिसके मिलने की पूरी संभावना थी, वह एक झटके में समाप्त हो गया। इसके बाद भी रिजल्ट घोषित होने के दो दिन बाद जिस जज्बे से तुमने पारिवारिक समारोह में भाग लिया, डांस किया और किसी को महसूस नहीं होने दिया कि दो दिन पूर्व कितना बड़ा झटका तुमको लगा है, वह अद्भुत है। तुमने अपना करियर खुद चुन लिया है।
‘तुम्हारा व्यक्तित्व और विराट होने वाला है’
IAS ओपी श्रीवास्तव ने आगे लिखा कि महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण को लेकर समाज के बीच काम करना। इसके लिए जिस उत्साह से तुमने शुरुआत की है, वह अविश्वसनीय-सा लगता है। यही जज्बा तुम्हें समाज में स्थान दिलाएगा। सिविल सेवा बहुत कुछ है, वह आर्थिक सुनिश्चितता देती है, समाज में पहचान और सम्मान दिलाती है, लेकिन वही सबकुछ नहीं है। भारत के कैबिनेट सेक्रेटरी को कितने लोग जानते हैं, लेकिन बाबा आम्टे, विनोबा जी जैसे लोग अमर हो जाते हैं। तुमने इस तैयारी के दौरान जो ज्ञान अर्जित किया, मेहनत करके संस्कार पैदा किए और इसके परिणामस्वरूप जो व्यक्तित्व विकसित किया, उसमें समाज के निचले तबके में जीने वाली महिलाओं और बच्चों के प्रति करुणा का मेल हो जाने से तुम्हारा व्यक्तित्व और विराट होने वाला है। हम सब इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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श्रृति ने समाज सेवा को करियर चुना
UPSC अटेम्प्ट के लिए श्रुति का ये 6वां और आखिरी मौका था। UPSC से बाहर हो जाने के बाद उन्होंने कोई बिजनेस या कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब करने की बजाय समाज सेवा को करियर चुना है। श्रुति एक संस्था बनाकर महिलाओं और बच्चों के लिए काम करना चाहती हैं।