Gratuity News: केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53% तक बढ़ गया है। अब मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी सीमा बढ़ने का इंतजार है। फिलहाल राज्य में ग्रेच्युटी की अधिकतम लिमिट 20 लाख रुपये है। सरकार ने 2016 में आखिरी बार ग्रेच्युटी सीमा में बदलाव किया था।
कर्मचारी संगठन मोहन सरकार से बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो कर्मचारियों को पांच लाख रुपये का लाभ होगा।
कैसे मिलता है कर्मचारियों को ग्रेच्युटी?
एमपी में कर्मचारी की अंतिम वेतन के आधार पर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है। इसमें आखिरी सैलरी को 16 से गुणा किया जाता है। इसकी सीमा अधिकतम 20 लाख रुपये है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने के बाद राज्य में 25 लाख रुपये किए जाने की संभावना है।
राजस्थान सरकार ने बढ़ाई ग्रेच्युटी सीमा
राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘कर्मचारियों की मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन जल्द ही दिया जाएगा। राजस्थान में ग्रेच्युटी सीमा बढ़ गई है। एमपी के कर्मचारी महंगाई भत्ते में सेंट्रल कर्मचारियों से 3 फीसदी पीछे हैं।’
यह भी पढ़ें- प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, ग्रेच्युटी को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
ओल्ड पेंशन और ग्रेच्युटी की मांग
राज्य में कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन की बहाली और ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने की मांग उठाई जा रही है। कर्मचारी संघ का कहना है कि मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। ग्रेच्युटी का लाभ सरकारी और निजी कर्मचारियों को मिलता है। इसके लिए 5 साल तक एक ही कंपनी में काम करना अनिवार्य है।
हाईकोर्ट ने जारी किया पेंशन का आदेश
इधर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 80 साल से अधिक उम्र के रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए 20% अतिरिक्त पेंशन का भुगतान तीन महीनों के अंदर करने का आदेश जारी किया है। जस्टिस द्वारिकाधीश बसंल की सिंगल बेंच ने आदेश कटनी के याचिकाकर्ता ओमवालाल शुक्ला, सूरजदीन सोनी और प्रेमलाल परोहा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने कहा कि सभी मुवक्किल की उम्र 80 साल से ज्यादा है। उन्होंने 3 अगस्त 2009 को जारी सरकार के परिपत्र के तहत अतिरिक्त पेंशन की मांग उठाई थी। इस संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय में आवेदन दिया गया था।
आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कोर्ट ने सुनवाई के निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता 15 दिनों के अंदर अपने आवेदन को फिर से प्रस्तुत करें। अधिकारियों को कहा कि 90 दिनों के अंदर याचिकाकर्ताओं को एरियर और ब्याज सहित अतिरिक्त पेंशन का भुगतान किया जाए।
यह भी पढ़ें-
यूपीएस में ऐसे कैलकुलेट करें अपनी पेंशन, सैलरी की 50% पेंशन की गारंटी