Madhya Pradesh Corona Update : प्रदेश में 11,045 कोरोना केस आए सामने, 60 मरीजों की हुई मौत

भोपाल। प्रदेश में कोरोना केस के आंकड़े Madhya Pradesh Corona Update लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहा है। प्रदेश में एक बार फिर बीते 24 घंटे में आज 11,045 नए केस सामने आया हैं इसके साथ ही 60 मरीजों की मौत भी हो गई है। भोपाल की बात करें तो 1681 लोगों की कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। भोपाल में 6192 सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। जब कि कोरोना संक्रमित 4 व्यक्ति की मृत्यु हुई हैं।
रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की पर्याप्त व्यवस्था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी जिलों में कोरोना के उपचार के लिए बिस्तरों, ऑक्सीजन आपूर्ति, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। साथ ही भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी जिलों में बिस्तर बढ़ाने, ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्ति के युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के 49 जिलों में कोविड केयर सेंटर चालू कर दिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए 450 एम.टी. ऑक्सीजन की स्वीकृति मिल गई है। अब उसे जल्द से जल्द लाने की व्यवस्था की जा रही है।
होम आयसोलेशन की पूरी जानकारी प्रशासन के हो
उधर मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में होम आयसोलेशन की पूरी जानकारी प्रशासन के पास रहनी चाहिए तथा होम आयसोलेशन की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाओं एवं चिकित्सा परामर्श के साथ ही आवश्यकता होने पर अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जाए।
रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना के टेस्ट के बाद उसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि टेस्ट कराने के बाद जब तक रिपोर्ट न आ जाए, व्यक्ति आयसोलेशन में रहे, अन्यथा संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।
कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री आज अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव जल-संसाधन एस.एन मिश्रा, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन पी. नरहरि आदि उपस्थित थे।