शिवपुरी। Madhav National Park प्रदेश बाघ प्रेमियों के लिए एक और अच्छी खबर है। जी हां मध्यप्रदेश का 7वां टाइगर रिजर्व माधव नेशनल पार्क बनकर तैयार हो चुका है। शिवपुरी के इस टाइगर रिजर्व में बाघों को छोड़ने की तैयारी भी हो चुकी है। जी हां अगले साल की शुरूआत में गणतंत्र के 9 दिन पहले इसमें 15 जनवरी तक 3 बाघ छोड़े जाने की तैयारी है। आपको बता दें इसमें एक नर दो मादा बाघ शामिल हैं। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी कर ली है।इसके लिए एनक्लोजर बाड़े बनाए जा रहे हैं।
अब माघव नेशनल पार्क कहलाएगा 7 वां टाइगर रिजर्व —
आपको बता दें अभी तक प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व क्षेत्र हैं। जिसके बाद अब जल्द ही प्रदेश को सातवें टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने वाली है। इसके लिए वन विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार दिया गया है। जिसे मप्र स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की होने वाली अगली बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। अगर ये प्रस्ताव यहां पास हो जाता है तेा राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इसे केंद्रीय वाइल्ड लाइफ बोर्ड को भेज दिया जाएगा।
एनटीसीए से 5 टाइगर छोड़ने की मंजूरी —
आपको बता दें इसके लिए एनटीसीए ने माधव पार्क में 5 टाइगर छोड़ने की मंजूरी दी गई है। जिसके पहले चरण में 2 मादा और एक नर बाघ छोड़ा जाएगा। आपको बता दें इन बाघों में बांधवगढ़ का एक नर बाघ और भोपाल की एक बाघिन को चिन्हित कर लिया गया है। तो वहीं तीसरी बाघिन की तलाश पन्ना में अभी चल रही है।
354 वर्ग किमी में फैला है पार्क —
आपको बता दें वर्तमान माधव नेशनल पार्क का एरिया 354 वर्ग किलोमीटर में है। जो शिवपुरी शहर के उत्तरी सीमा से नरवर तक छूता है। इतना ही नहीं यहां की सबसे अच्छी बात ये है कि सिंध नदी पर बना मड़ीखेड़ा डैम भी इसी पार्क के अंदर आता है। वर्ष 1956 में पार्क की स्थापना के समय इसका क्षेत्रफल मात्र 167 वर्ग किलोमीटर था। उत्तरी हिस्से में हातोद गांव को खाली कराने के बाद बीते कुछ सालों में इसका क्षेत्रफल बढ़कर इसमें नरवर क्षेत्र के जंगलों को भी शामिल कर दिया गया है। आपको बता दें सबसे आखिरी बार इस पार्क में वर्ष 1996 में बाघ को देखा गया था।
स्टेट के बाद केंद्र जाएगा प्रस्ताव —
आपको बता दें आगामी बैठक में माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव यदि राज्य से मंजूरी मिल जाती है तो इसके फिर केंद्र में भेजा जाएगा। सबसे अच्छी बात ये है कि टाइगर शिफ्टिंग की डेडलाइन 15 जनवरी को तय हो चुकी है।